सवाई माधोपुर. रणथम्भौर नेशनल पार्क में एरोहेड के नाम से विख्यात बाघिन टी-84 को शुक्रवार को तीन शावकों के साथ देखा गया है. ऐसे में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म देने की पुष्टि हुई है. शुक्रवार शाम को बाघिन की मॉनिटरिंग के लिए गए वनाधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. वन अधिकारियों ने 13 जुलाई को बाघिन ऐरोहेड टी-84 को अरण्या कमलधार क्षेत्र में दो नन्हे शावकों के साथ पहली बार देखा था.
रणथम्भौर सूत्रों के अनुसार 13 जुलाई को शाम की पारी में जोन दो में बाघिन ऐरोहेड टी-84 को दो नन्हें शावकों के साथ विचरण करते देखा गया था. बाघिन व शावकों की मॉनीटरिंग के दौरान शुक्रवार को बाघिन के साथ तीन शावकों के साथ देखा गया है. रणथम्भौर में ऐरोहेड के नाम से विख्यात बाघिन टी-84 तीसरी बार मां बनी है. बाघिन ऐरोहेड बाघिन टी-19 कृष्णा की बेटी और रणथम्भौर क्विन बाघिन मछली टी-16 की नवासी है.
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बाघिन के पहले लिटर से जन्मे शावक सर्वाइव नहीं कर पाए थे. बाघिन के दूसरे प्रसव में रिद्धि-सिद्धि हुई. वर्तमान में रणथम्भौर में धमाचौकड़ी मचाकर वन्यजीव प्रेमियों एवं सैलानियों की चहेती बाघिन रिद्धि टी-124 और बाघिन सिद्धि टी-125 है. अब एक बार फिर बाघिन ने तीसरे लिटर में तीन शावकों को जन्म दिया है.
बाघिन ऐरोहेड के तीसरी बार मां बनने से रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढ़ गया है. रणथम्भौर में 21 नर बाघ, 30 मादा बाघ एवं 21 शावक मिलाकर 72 बाघ हो गए हैं. रणथंभौर नेशनल पार्क के उप वन संरक्षक महेंद्र शर्मा ने कहा कि बाघिन ऐरोहेड टी-84 के दो नहीं तीन शावक हैं. शुक्रवार को मॉनीटरिंग के दोरान बाघिन के साथ तीन शावक दिखाई दिए हैं. पहली बार बाघिन के साथ दो शावक नजर आए थे. बाघिन के शावक लगभग डेढ़ से दो माह के हैं.