सवाईमाधोपुर. रणथंभौर नेशनल पार्क में पिछले कुछ दिनों से जंगल में विचरण करने वाले बाघ-बाघिन जंगल की सीमा से बाहर नजर आ रहे हैं. ऐसा ही नजारा गुरुवार शाम की पारी से वापस लौटते समय दुर्ग के पास पर्यटकों को नजर आया. जहां दीवार पर बाघिन एरोहेड का पर्यटकों ने दीदार किया.
डीएफओ मोहित गुप्ता के अनुसार पिछली 22 फरवरी से बाघिन टी 84 एरोहेड हम्मीर गार्डन में शिकार के साथ नजर आई .थी जिसके कुछ दिन बाद ही बाघिन के साथ एक बाघ को भी हम्मीर गार्डन में विचरण करते देखा गया था. बाघ-बाघिन के विचरण के दौरान पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए रणथंभौर फोर्ट में आवाजाही बंद कर दी गई थी. जिसको लेकर वन विभाग और पुलिस प्रशासन की टीम लगातार फोर्ट में विचरण करने वाले बाघ-बाघिन की मॉनिटरिंग कर रहे थे.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हम्मीर गार्डन में विचरण करने वाली बाघिन टी 84 एरोहेड और बाघ का रुख जंगल की तरफ हुआ. जिसके बाद वन विभाग के सुरक्षाकर्मियों के बीच रणथंभौर फोर्ट गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हुआ. वहीं गुरुवार देर शाम नेशनल पार्क के भ्रमण से लौटते समय पर्यटकों ने बाघिन एरोहेड को दुर्ग की दीवार पर देखा. बाघिन को देख पर्यटक रोमांचित हो उठे. पर्यटकों ने यह नजारा अपने कैमरे में भी कैद कर लिया. सूत्रों के अनुसार बाघिन पैंथर के शिकार के लिए दीवार पर चढ़ी थी. जहां बाघिन खड़ी हुई थी, वहां पेड़ पर एक पैंथर का मूवमेंट था.
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जानकारी मिली कि पैंथर के शिकार के लिए बाघिन काफी देर तक वहां रुकी रही. वन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि यह बाघिन है या बाघ. बाघिन और पैंथर के इस नजारे का पर्यटकों ने जमकर लुफ्त उठाया. वहीं अगर दूसरी और देखें तो बाघ-बाघिन और अन्य कई जानवरों का इस तरह जंगल की सीमा से बाहर आना, रणथंभौर नेशनल पार्क और गणेश दर्शन को आने वाले पर्यटकों के लिए खतरा भी बना हुआ है. देखा गया है कि रणथंभौर नेशनल पार्क में आए दिन जंगली जानवर सड़क किनारे या आबादी क्षेत्रों में भी नजर आ जाते हैं.