सवाई माधोपुर.लंबी खींचतान के बाद नगर परिषद सभापति डॉ विमला शर्मा के खिलाफ शनिवार को आखिरकार अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लग ही गई. गत दिनों 2 तिहाई से अधिक पार्षदों ने कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने की मांग की थी, जिस पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार कलेक्टर ने 20 जुलाई को नगर परिषद कोरम की बैठक होने की अधिकारिक घोषणा की और अंततः स्थानीय विधायक दानिश अबरार की मौजूदगी में नगर परिषद में काबिज भाजपा बोर्ड की चेयरमैन विमला शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया.
सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित नगर परिषद में वर्तमान में 45 पार्षद हैं जिनमें 41 पार्षद उपस्थित हुए. वहीं प्रशासनिक अधिकारी के रूप में एडीएम महेंद्र लोढ़ा ने अविश्वास प्रस्ताव की समूची कार्रवाई को अंजाम दिया. बैठक में 41 पार्षदों के शामिल होने के साथ ही कोरम की कार्यवाही शुरू कर दी गई. कार्रवाई के शुभारंभ से ही सभी पार्षदों ने ध्वनिमत से मतदान करवाने का आह्वान किया. इसे सर्वसम्मति के अनुसार निर्वाचन अधिकारी महेंद्र लोढ़ा ने स्वीकार कर लिया.
इसके बाद मतदान प्रक्रिया आरंभ कर दी गई. एक एक कर सभी पार्षदों ने अपना मतदान किया. मतदान प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद मतगणना की गई. जिसमें 41 पार्षदों के मत सभापति विमला शर्मा के विरोध में पड़े. साथ ही दानिश अबरार का मत भी उनके विरोध में ही रहा. मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद एक निर्दलीय पार्षद सदन में पहुंची लेकिन उसे मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया. वहीं कोरम की उपस्थिति रजिस्टर में नगर परिषद पार्षद के हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए.
मतगणना संपन्न हो जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी महेंद्र लोढ़ा ने सभापति विमला शर्मा के अविश्वास प्रस्ताव होने की अधिकारिक घोषणा की गई. निर्वाचन अधिकारी के अनुसार अग्रिम कार्रवाई के उपरांत नए सभापति का चुनाव होगा. नगर परिषद में वर्तमान में 29 पार्षद बीजेपी के हैं. साथ ही भाजपा का बोर्ड है. वहीं महज 11 पार्षद कांग्रेस और पांच निर्दलीय पार्षद है. नगर परिषद में बहुतायत में भाजपा के पार्षद होने के बावजूद भाजपा पार्षद की ही बगावत और भाजपा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के लिए करारा झटका है. सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद नया सभापति कौन होगा इसमें अभी भी संशय बना हुआ है.