सवाई माधोपुर.उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से रणथंभौर नेशनल पार्क एक है. यहां के बाघों के लिए रणथंभौर प्रसिद्ध है. टाइगर की एक झलक देखने के लिए देश विदेश से सैलानी यहां खिंचे चले आते है. लेकिन, अब रणथंभौर में ना सिर्फ टाइगर बल्कि दुर्लभ प्रजाति कहे जाने वाला भालू भी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. जहां कभी भालुओं की प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त होने के कगार पर थी. वहीं खुशी की बात ये है कि भालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
रणथंभौर में बाघ के साथ भालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा...पर्यावरण और पर्यटकों के लिए शुभ संकेत - रणथंभौर
बाघों के लिए प्रसिद्ध रणथंभौर नेशनल पार्क अब भालुओं के लिए भी धीरे-धीरे विख्यात होने लगा है. अब रणथंभौर में ना सिर्फ टाइगर बल्कि दुर्लभ प्रजाति कहे जाने वाला भालू भी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है.
अब टाइगर के साथ-साथ भालुओं के लिए भी मशहूर रणथंभौर
यूं तो रणथंभौर नेशनल पार्क सिर्फ टाइगर के कारण देश दुनिया में विख्यात है. लेकिन अब रणथंभौर नेशनल पार्क दुर्लभ भालुओं के लिए भी धीरे-धीरे विख्यात होने लगा है. अपने शरीर के चारों ओर काले घने लम्बे बालों वाला भालू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात ये है कि भालू जंगल को संरक्षित बनाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है. किसी समय ये प्रजाति लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. लेकिन अब धीरे धीरे भालुओं की संख्या मे इजाफा देखने को मिल रहा है.