सवाईमाधोपुर. सवाई के पालीघाट स्थित चम्बल नदी में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना (Counting Of Dolphins In Sawai Madhopur) शुक्रवार से शुरू हो गई है. इसके लिए राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में सात पाइंट बनाए गए हैं. सभी सात पाइंट पर दो-दो स्टाफ सदस्य के साथ एक विशेषज्ञ मौजूद रहेगा. गणना के बाद तीन फरवरी को राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अधिकारियों की ओर से आंकड़े जारी किए जाएंगे.
धिरोली से घोड़ी कच्छ तक बने सात पाइंट: राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य पालीघाट में धिरोली से घोड़ी कच्छ का क्षेत्र आता है. इस क्षेत्र में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना के लिए सात पाइंट बनाए गए हैं. चाकल से धिरोली, धिरोली से झरेल के बालाजी, झरेल के बालाजी से पालीघाट, पालीघाट से रामेश्वर, रामेश्वर से गढ़ी के हनुमान जी सहित सात पाइंट निर्धारित किए गए हैं. प्रत्येक पाइंट पर दो स्टाफ और एक विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाए गए हैं, जो जलीय जीवों की गणना करेंगे.
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दिए थे आदेश: गत दिनों केन्द्रीय वन, पर्यावरण मंत्रालय ने वन क्षेत्र संरक्षण के साथ गंगा डॉल्फिन और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे. इस संबंध में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने फील्ड गाइड 2021-22 जारी करते हुए नए सिरे से गणना के लिए निगरानी प्रोटोकॉल बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अब राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य (National Chambal Gharial Sanctuary) की ओर से डॉल्फिन की गिनती शुरू हो गई है.