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रुपहले परदे पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे राजसमंद के युवा लेखक रणजीत चारण

कहते हैं कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती. इस बात को साबित किया है राजसमंद जिले के आमेट कस्बे के रणजीत चारण ने. अब रणजीत चारण रुपहले परदे पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे.

Young writer Ranjit Charan, राजसमंद न्यूज़
राजसमंद के युवा लेखक रणजीत चारण

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Published : Mar 28, 2021, 5:11 AM IST

राजसमंद. जिले के युवा रणजीत चारण ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रतिभाओं की कोई उम्र नहीं होती. आमेट उपखंड के गांव मुण्डकोशियां के रहने वाले रणजीत चारण "रणदेव" की लिखी पठकथा पर फिल्म बनने जा रही हैं. यह आमेट तहसील के साथ ही पूरे जिले के लिए फक्र की बात है. इस धार्मिक फिल्म का पोस्टर का विमोचन बीकानेर के देशनोक में करणी मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन गिरिराज सिंह बारहठ, डायरेक्टर नरेन शेखावत और म्युजिक डायरेक्टर शेखावत ब्राॅस ने किया.

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फ़िल्म के राइटर रणजीत सिंह (रणदेव) मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले वाले भारत के सबसे युवा कलमकार हैं. उनके लिखे कई गीत रिलीज हो चुके हैं और अब इनकी लिखी पठकथा पर अब फिल्म बनने जा रही हैं. फिल्म "करणी प्रताप" करणी माता देशनोक बीकानेर पर एतिहासिक,धार्मिक,आस्तिक पर आधारित कहानी हैं. फ़िल्म के पोस्टर विमोचन के अवसर पर छैलूदान सदस्य करणी मंदिर निज प्रन्यास, गिरिश हिंदुस्तानी प्रसिद्ध एंकर , देशनोक नगर पालिका के पार्षद रमेश उपाध्याय, शेषकरणदान देपावत, मनोज सिंह, आवड़ दान, देवेन्द्र देपावत, फिल्म सहयोगी श्रवण रतनू दासौडी, शिवदयाल बारहठ, मंच संचालन सवाई सिंह चारण, दिनेश गोयनका, देवीदान, स्वरूप दान आदि उपस्थित रहे.

बता दें कि युवा राइटर रणजीत सिंह (रणदेव) की उम्र मात्र 22 वर्ष है. उनका जन्म राजसमंद जिले के आमेट तहसील के लिकी ग्राम पंचायत के मुण्डकोशिया गांव में एक साधारण परिवार में हुआ.घर में पिता शंकर सिंहचारण, माता देव कंवर, बड़े भाई शैतान सिंह,रघुवीर सिंह और बड़ी बहिन आनन्द कंवर हैं. रणजीत ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत पृथक गांव के राउप्रावि में की. बाद में राउमावि आमेट और बीएससी की पढ़ाई उदयपुर के बीएन कॉर्लेज में की.

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फिल्म करणी प्रताप की कहानी लिखने वाले रणजीत चारण "रणदेव मुंशी प्रेमचंद सम्मान" पाने वाले वाले भारत के सबसे युवा कलमकार हैं. यह सम्मान 2018 में भोपाल मध्यप्रदेश की एक संस्था श्री विभगूंज वेलफेयर सोसयटी की ओर से बेहतरीन 10 रचनाओं के लेखनी की वजह से मिला. इस सम्मान के लिए देशभर के 7 कलमकारों का चयन हुआ, जिसमें रणदेव सबसे युवा कलमकार थे. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन 2020 में देश विदेश के ख्यातनाम अलग-अलग प्रतिभा में नाम कमाने वालों को अपनी प्रोफाइल के बारे में सम्मानित किया गया, जिसमें रणदेव को "विविधता में एकता राष्ट्रीय सम्मान 2020" और गोल्ड मेडल व ट्राफी से नवाजा गया. साथ ही 2017 में साहित्य भूषण सम्मान, 2018 में मातृत्व प्रेरणा दर्पण साहित्यिक सम्मान, लूंग मां वलदरा मेला सम्मान, चारण प्रतिभा सम्मान और प्रजातंत्र का गौरव स्तम्भ सम्मान के साथ कई प्रशस्ति-पत्र प्राप्त कर चुके हैं.

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