राजसमंद. वर्तमान समय में जिले में पेयजल संकट उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के निर्देशन में शुक्रवार को वॉटर ऑडिट (जल अंकेक्षण) करवाया गया. इस अभियान के तहत जिले की 214 ग्राम पंचायतों के 1081 राजस्व ग्रामों में वॉटर ऑडिट किया गया. ऑडिट में जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी सहित अन्य विभागों के नियुक्त अधिकारी/कार्मिकों के सहयोग से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पेयजल वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई.
अभियान की प्रभारी अधिकारी और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने बताया कि ऑडिट के बाद ग्राम पंचायत के सरपंच गणों से पेयजल वितरण की वर्तमान वस्तुस्थिति के संबंध में प्रपत्र भरवाए गए. निर्धारित प्रपत्र में निरीक्षण रिपोर्ट और पेयजल व्यवस्था के सुदृढ़िकरण के लिए ग्रामवासी और जनप्रतिनिधियों के सुझाव संबंधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में संकलन किया गया. उपखण्ड स्तर पर प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट जिला स्तर पर प्रेषित जाएगी. जिसके बाद जिला स्तरीय समिति, ग्रामीण इलाकों में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए ग्रामीण विकास, पंचायती राज विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहयोग से कार्य योजना बनाएगा.
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बता दें कि अभियान के तहत शुक्रवार को प्रत्येक राजस्व ग्राम में पेयजल वितरण के समय पर ही नियुक्त अधिकारी ने मौका निरीक्षण किया. आमजन से पेयजल उपलब्धता, वितरण व्यवस्था, वितरण अन्तराल, पेयजल गुणवत्ता, पेयजल स्त्रोत में जल की उपलब्धता और जनसंख्या के आधार पर वास्तविक मांग आदि का आंकलन कर अंतर विश्लेषण किया गया. इसी के साथ जलस्त्रोतों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण कर संबंधित ग्राम पंचायत को स्वच्छता के लिए पाबंद किया गया.