राजसमंद.वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते हर सेक्टर को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. खास करके इस महामारी से पर्यटन व्यवसाय पर गहरा असर हुआ है. अब पर्यटन क्षेत्र को उभारने के लिए और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश में 20 वेलनेस सेंटर खोलने की योजना है.
राजसमंद में खोले जाएंगे दो Wellness Center राजसमंद जिले में वर्तमान परिस्थितियों में बात करें तो कोरोना की वजह से टूरिज्म को खासा नुकसान पहुंचा है. इसके चलते अब राजसमंद में भी दो वेलनेस सेंटर खोला जाएगा. इस संबंध में आयुर्वेद विभाग की प्रमुख सचिव वीणा प्रधान ने पिछले दिनों जिले का अवलोकन किया था और उन स्थानों का भी दौरा किया, जहां आगामी दिनों में वेलनेस सेंटर खोलने के स्थान का अवलोकन किया था.
वेलनेस सेंटर से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा राजसमंद जिले के दो स्थानों पर खोले जाएंगे वेलनेस सेंटर
बता दें कि जिले के कुंभलगढ़ और नाथद्वारा क्षेत्र में वेलनेस सेंटर खोलने की योजना तैयार की गई है. इस वेलनेस सेंटर को खोलने के लिए 50 से 100 बीघा भूमि की तलाश की जा रही है. यहां पर योग सेंटर, स्पा, पंचकर्म सेंटर, हर्बल गार्डन आदि स्थापित होंगे. ताकि यहां आने वाले पर्यटन और अन्य को आयुर्वेदिक से जुड़ी हुई सभी सुविधाएं एक स्थान पर मिल सके. वहीं, प्राकृतिक चिकित्सा की सुविधा भी यहां जुटाई जाएंगी.
पर्यटन व्यवसाय को निखारने के लिए आयुर्वेद का सहारा आयुर्वेद उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र महात्मा ने बताया कि वेलनेस सेंटर में आयुर्वेद की बहिरंग एवं अंतरंग चिकित्सा, विशेषक चिकित्सा, यथा पंचकर्म क्षारसूत्र आदि यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा की ओपीडी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, हर्बल गार्डन आदि सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने बताया कि इससे पर्यटकों को स्थानीय स्तर पर ठहराव भी बढ़ेगा. साथ ही भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा मिलेगा.
अब राजसमंद के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा उन्होंने बताया कि नाथद्वारा में भगवान श्रीनाथजी का मंदिर स्थापित है. जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. इसी के साथ कुंभलगढ़ ऐतिहासिक दुर्ग को देखने के लिए देश और दुनिया से लोग आते हैं. यहां आने वाले लोगों को वेलनेस सेंटर पर आने पर इन स्थानों पर असंक्रामक बीमारियां जैसे दिल, डायबिटीज, मानसिक तनाव मोटापा, हाइपरटेंशन का एक ही छत के नीचे आउटडोर इंडोर की सुविधा मिल सकेगी.
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वहीं, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर, राजसमंद की कुंभलगढ़ एवं नाथद्वारा, जयपुर के आमेर, अलवर के सरिस्का, अजमेर के पुष्कर, सीकर के खाटूश्यामजी एवं जीण माता, चूरू के सालासर समेत 20 धार्मिक एवं पर्यटन केंद्रों पर भक्तों को एक ही छत के नीचे आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से इलाज मिल सकेगा.
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पीपीपी मॉडल पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर विकसित करेगा. इससे मेडिकल टूरिज्म के साथ-साथ आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, डॉ. महात्मा ने बताया कि देशभर में संक्रामक बीमारियों का जाल फैलता ही जा रहा है. आयुर्वेद औषधियां योग के जरिए बीमारियों पर काबू पाया जा सकेगा.