राजसंमद. कोरोना वायरस (COVID-19) के चलते लगाई गई पाबंदियों में छूट देने के बाद अरावली पर्वत की पहाड़ियों के बीच गिरे दुर्ग कुंभलगढ़ दुर्ग में तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का बुधवार से आगाज हो गया है. ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर में तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव ((kumbhalgarh festival 2021) का आगाज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ हुआ. कार्यक्रम में 3 दिन तक मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी. महोत्सव में भाग लेने के लिए देशी-विदेशी सैलानी के साथ भारी संख्या में पर्यटक कुंभलगढ़ पहुंचे.
प्रारंभ के उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, राजसंमद जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल व पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. महोत्सव में राजस्थानी विधा पर आधारित लाल अंगी गैर, सेहरिया नृत्य, कालबेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दी गई. दर्शकों ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ उत्साहवद्र्धन किया.
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बारां से आए कलाकर दल ने चकरी नृत्य और सहरिया नृत्य की शानदार प्रस्तुति पर सैलानियों ने भी कलाकरों के साथ डांस किया. इसी तरह बाड़मेर के कलाकारों के लाल गैर नृत्य, जयपुर से आए कलाकारों ने बहुरूपिए कला की प्रस्तुति दी. कालबेलिया नृत्य ने भी खूब वाहवाही लूटी.
कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने पर्यटकों को इतना मंत्रमुग्ध कर दिया. वे अपने आप को भी नृत्य करने से नहीं रोक पाए. पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन राजसमन्द के तत्वावधान में आयोजित कुंभलगढ़ फेस्टिवल दिनभर में दुर्ग परिसर में अलग-अलग नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई. इस अवसर पर कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी जयपालसिंह राठौड़, कुंभलगढ़ पंचायत समिति प्रधान कमला दसाणा, कुंभलगढ़ विकास अधिकारी भगवानसिंह कुंपावत सहित कई पर्यटक एवं क्षेत्रवासी मौजूद थे. आपको बता दें कि गत 2 साल बाद कुंभलगढ़ फेस्टिवल का आगाज फिर से एक बार हुआ है. गत 2 साल तक पर्यटन विभाग ने कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण कार्यक्रम निरस्त कर दिया था.