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अपनी दुल्हनिया को बैलगाड़ी से लेने पहुंचे दूल्हे राजा, सबको याद आया 'वो गुजरा जमाना'

राजसमंद जिले के आमेट उपखंड के ढेलाणा गांव में एक परिवार ने पुरानी रीति रिवाज के अनुसार अपने दूल्हे भरत कुमावत की बारात बैलगाड़ी (Procession Riding On Bullock Cart In Rajsamand) से निकाली. दूल्हे के पिता ढेलाणा के मोहन लाल (छत्रिय कुमावत समाज सूरत गुजरात के अध्यक्ष) के बेटे की बारात सेलागुडा गांव पहुंची.

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Published : Feb 20, 2022, 9:18 AM IST

Published : Feb 20, 2022, 9:18 AM IST

Procession Riding On Bullock Cart In Rajsamand
बैलगाड़ी पर बारात

देवगढ़/राजसमंद. राजसमंद जिले के आमेट उपखंड के ढेलाणा गांव में एक परिवार ने पुरानी रीति रिवाज के अनुसार अपने दूल्हे भरत कुमावत की बारात बैलगाड़ी (Procession Riding On Bullock Cart In Rajsamand) से निकाली. दूल्हे के पिता ढेलाणा के मोहन लाल (क्षत्रिय कुमावत समाज सूरत गुजरात के अध्यक्ष) के बेटे की बारात सेलागुड़ा गांव पहुंची. बारात एक दर्जन से अधिक बैल गाड़ियों (Procession Riding On Bullock Cart In Rajsamand) पर सवार होकर ढेलाणा से 4 किलोमीटर दूर गांव पहुंची. यहां बारात की एक झलक पाने के लिए कई ग्रामीणों की भीड़ जुट गई.

बैलगाड़ियों में बैठे बाराती महिला और पुरुष भी काफी खुश नजर आए. महिलाएं गीत गाती हुई जा रही थीं. बैलगाड़ियां कुछ घण्टे बाद 4 किमी का सफर तय कर विवाह समारोह स्थल पर पहुंची. जहा पंचायत समिति सदस्य नारायणलाल कुमावत ने बारात का भव्य स्वागत किया. बैलगाड़ी से बारात लाकर समाज को फिजूल खर्ची से बचने और प्रदूषण से बचाव का संदेश वर के पिता मोहन लाल ने देने की कोशिश की. समाजसेवी का कहना है कि मेरी बारात भी बैलगाड़ी से ही गई थी और अब जितने भी विवाह होंगे बारात के दौरान बैल गाड़ियो से ही बारात ले जाने का प्रयास करेंगे.

बैलगाड़ी पर बारात

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बैलगाड़ी और बैलों को गुब्बारों से सजा कर लाया गया. ऐसे में बारात देखने के लिए ग्रामवासी भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान घराती और बाराती के अलावा तमाम ग्रामीणों की उत्साहित भीड़ देखने को मिली.

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