राजसमंद.वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच देशभर में लॉकडाउन से लगभग सभी व्यापार पर इसकी मार पड़ी है. इसके चलते हर व्यवसाय को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. खास कर कपड़ा व्यवसायियों को खासा नुकसान हुआ है. पिछले 2 महीनों से बंद पड़े कपड़ा व्यापार पर भी आर्थिक मंदी का दौर आन पड़ा है. लॉकडाउन-4.0 लागू होने के बाद सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई और 2 महीने के लंबे समय के बाद दुकान भी कुल गए लेकिन व्यवसाय ने अब तक कुछ खास रफ्तार नहीं पकड़ी. जब ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर राजसमंद के कपड़ा व्यापारियों से बात की तो उन्होंने इस दौरान उत्पन्न हुई परेशानियों से अवगत कराया.
कपड़ा व्यवसायियों का कहना है कि लॉकडाउन के दरमियान उनके व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण सीजन तो गुजर चुका है. क्योंकि, इसी समय शादी और त्यौहारों का सीजन होता था, जिनसे इन छोटे दुकानदारों को बड़ा मुनाफा कमाने का मौका मिलता था. लेकिन इन व्यापारियों पर लॉकडाउन की ऐसी मार पड़ी कि इन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
इस दौरान व्यापार संघ के अध्यक्ष दीपक जैन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण वस्त्र व्यापार को भारी नुकसान हुआ है. क्योंकि, कपड़ा व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण सीजन शादी-विवाह का सीजन होता है. इसके साथ ही लॉकडाउन के दरमियान आखातीज का अभिजीत मुहूर्त भी गुजर चुका है. इस दौरान 2 महीने की बंदी ने कपड़ा व्यासायियों की कमर तोड़कर रख दी है. उन्होंने बताया कि आखातीज आने को लेकर एक डेढ़ महीने पहले से ही माल इकट्ठा कर लेते है, जिससे कि लोगों को खरीदारी में परेशानी ना हो. लेकिन एकदम से जारी हुए लॉकडाउन की वजह से पूरा माल दुकानों में ही पड़ा रह गया है.