राजसमंद.वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति को गहरी चोट पहुंचाई है. यही वजह है कि भारत की जीडीपी भी इस महामारी की वजह से काफी नीचे गिरती हुई दिखाई दे रही है. इस महामारी ने हर सेक्टर पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है. खास करके खाद्य सामग्री की वस्तुओं पर कोरोना की वजह से काफी प्रभाव देखा जा रहा है.
वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में चाय पत्ती के दाम भी आम लोगों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. एक तरफ जहां चाय पत्ती स्वयं लोगों का सिरदर्द दूर करती है, लेकिन कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से चाय पत्ती की बागान में लेबर कम होने से कटाई समय पर नहीं हो पाई. इनके साथ ही अन्य कारणों की वजह से चाय पत्ती के दाम लोगों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. यही वजह है कि चाय पत्ती के दाम इस कोरोना के 6 महीने के भीतर 70 से 100 तक की बढ़ोतरी हुई है.
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ईटीवी भारत की टीम भी जानने के लिए निकली कि चाय पत्ती के दाम में एकदम से आए उछाल के क्या मुख्य कारण हैं. इसे जानने के लिए हमारी टीम राजसमंद जिले के चाय के थोक विक्रेताओं के पास पहुंची. हमारी मुलाकात सबसे पहले विशाल से हुई, उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से चाय की पैदावार भी इस बार कम हुई है. क्योंकि चाय की सबसे ज्यादा आवक असम राज्य में होती है. इस बार असम में बाढ़ आने की वजह से अधिकांश जिलों में पानी भर गया. जहां चाय की फसल को भी काफी बाढ़ की त्रासदी के कारण आघात पहुंचा है.