राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

राजसमंदः कोरोना काल में औंधे मुंह गिरा रेस्टोरेंट व्यवसाय...

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों ने हर व्यवसाय की गति पर ग्रहण लगाया है. इस महामारी से हर किसी की जेब पर व्यापक असर पड़ा है. इन्हीं में से एक रेस्टोरेंट व्यवसाय. क्योंकि लॉकडाउन के कारण पहले के मुकाबले अब सिर्फ 25 फीसदी व्यवसाई ही रेस्टोरेंट को चला पा रहे हैं.

Rajsamand Corona Update, rajsamand news
रेस्टोरेंट व्यवसाय पर कोरोना का असर

By

Published : Jul 27, 2020, 2:13 AM IST

राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों ने हर व्यवसाय की गति पर ग्रहण लगाया है. यही कारण है कि कुछ व्यवसायों को अभी भी उबर पाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल रेस्टोरेंट व्यवसायियों का है. जिनको इस महामारी ने ऐसा प्रभावित किया है कि अब नाममात्र के कस्टमर आ रहे हैं.

पहले के मुकाबले अब सिर्फ 25 फीसदी व्यवसाई ही रेस्टोरेंट को चला पा रहे हैं. कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने तक यह व्यवसाय पूरी तरह से बंद रहा. इसके बाद सरकार ने अनलॉक करते हुए इस व्यवसाय को खोलने की छूट दी, लेकिन लोगों में अभी भी कोरोना महामारी का डर बैठा हुआ दिखाई देता है. यही वजह है कि पूरी सावधानियां बरतने के बावजूद भी रेस्टोरेंट्स व्यवसाय रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे है.

पढ़ेंःरेस्टोरेंट में बिठाकर खाना खिलाया ताे लगेगा जुर्माना

शहर के रेस्टोरेंट व्यवसाई भूषण बताते कि प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर रेस्टोरेंट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन कस्टमर कम होने के कारण रेस्टोरेंट के व्यवसाय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले 20 फीसदी व्यवसाय ही चल रहा है. इस व्यवसाय में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खास करके सब्जियों के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी खाने की रेट नहीं बढ़ा पा रहे है. क्योंकि कस्टमर की लिमिट डिमांड होती है.

पढ़ेंःअलवर: बाजार खुलने का समय बढ़ाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

वहीं फेमस रेस्टोरेंट्स गजानंद का भी यही हाल है. भेरू लाल पुरोहित रेस्टोरेंट संचालक बताते हैं कि पहले अधिक संख्या में लोग खाना खाने आते थे, लेकिन अब संख्या काफी घट गई है. पहले हजारों रुपए का व्यवसाय प्रतिदिन होता था लेकिन अब 20 प्रतिशत से भी कम व्यवसाय रह गया है. इन सभी लोगों ने सरकार से गुहार लगाई की इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को कुछ राहत मिले. जिससे व्यवसाय को उभार पाने में थोड़ी राहत मिल सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details