राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

आपातकाल के चरित्र चित्रण को कांग्रेस से बेहतर कौन जान सकता है : दीया कुमारी

संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल पर सरकार ने रोक लगा दी है. जिसको लेकर कांग्रेस सरकार लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. जिसके जवाब में शुक्रवार को राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी ने कहा कि प्रश्नकाल की व्यवस्था पर सवाल करने वाला विपक्ष ये भी जान ले कि ये पहली बार नहीं हुआ है.

राजस्थान न्यूज, rajsamand news
प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी ने विपक्ष को दिया जवाब

By

Published : Sep 4, 2020, 6:55 PM IST

राजसमंद.संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है. आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल ना होने को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है. कांग्रेस जहां सदन के भीतर प्रश्नकाल ना होने की वजह से सरकार पर निशाना साध रही है तो वहीं भाजपा नेता भी कांग्रेस के इन आरोपों का जवाब दे रहे हैं.

राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी ने अपना बयान जारी कर बताया कि आहूत संसद के प्रश्नकाल पर लालपीले ही रही है. विपक्ष पर हमला बोलते हुए सांसद ने कहा कि संसद में प्रश्नकाल की व्यवस्था पर सवाल करने वाला विपक्ष ये भी जान ले की ये पहली बार नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 1962, 1975, 1976, 2004 और 2009 में कई कारणों से किया गया था. दीया कुमारी ने कहा कि सही मायने में आपातकाल के चरित्र चित्रण को कांग्रेस से बेहतर कौन जान सकता है.

सांसद और प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी ने कहा कि विपक्ष ये क्यों बोल रहा है कि पिछले दिनों ही बुलाए गए राजस्थान विधानसभा के सत्र में सत्ताधारी दल ने क्या किया था. केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित देश के अनेक विधानसभाओं में क्या स्थिति है. राजस्थान में तो विधानसभा केवल 4 दिन ही चली है. संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल को लेकर कुछ विपक्षी दलों की ओर से प्रचार किया जा रहा है.

पढ़ें-जनता के दुख के बारे में कभी तो सोचे राज्य सरकार: दीया कुमारी

प्रश्नकाल को लेकर इस समय जो व्यवस्था की जा रही है वो पहली बार नहीं है. देश में असाधारण परिस्थितियों के चलते सरकार ने अनेक विपक्षी दलों की सहमति से ये निर्णय लिया है. दीया कुमारी ने कहा कि देश की संसद आम जनता और चिंता के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने जा रही है.

क्या होता है प्रश्नकाल...

दरअसल, लोकसभा में संसद सत्र का पहला घंटा सवाल पूछने के लिए होता है, जिसे प्रश्नकाल कहा जाता है. इस दौरान सांसद सरकार के कामकाजों को लेकर संबंधित मंत्रियों से अपने सवालों का सीधा जवाब मांगते हैं और मंत्री जिनकी प्रश्नों के उत्तर देने की बारी होती है वो खड़े होकर सवालों का जवाब देते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details