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राजसमंद के नाथद्वारा में मनाया गया मोहर्रम, मांगी अमन-चैन की दुआ

राजसमंद के नाथद्वारा में मुस्लिम समुदाय ने मोहर्रम पर्व को लेकर ताजियों का जुलूस निकाला. इस बीच भारी संख्या में समुदाय के लोग जुलूस में शामिल हुए. साथ ही तजिया बनना वाले को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनाता था.

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Published : Sep 11, 2019, 2:27 AM IST

नाथद्वारा (राजसमंद). देश भर के साथ-साथ जिले के नाथद्वारा के श्री जी नगरी में भी मुस्लिम समुदाय ने मोहर्रम पर्व को लेकर ताजियों का जुलूस निकाला है. इस बीच भारी संख्या में समुदाय के लोग जुलूस में शामिल थे. यह जुलूस मंगलवार सुबह 6 बजे स्थानीय मस्जिद से शुरु होते हुए शाम करीब 5 बजे गनी बाबा दरगाह पर पहुंच कर समाप्त हुआ. जहां अमन चैन की कामना की गई. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनाता था.

नाथद्वारा में मनाया गया मोहर्रम

इसके बारे में रमजू भाई ने बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे आम समाज का ताजिया फौज मोहल्ला स्तिथ मस्जिद से उतारा गया. ताजिया उतारने के बाद तीन ताजियों में सलामी होकर मुकाम लगा दिया गया. दोपहर 2 बजे बाद से अन्जुमन चौक में समुदाय के लोगों ने शरबत, खीर, खिचड़ी सहित अन्य समाग्री का वितरण किया.

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बताया जा रहा है कि इस बीच ताजियों की इमारतों का निर्माण करने वाले युवाओं का ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गाय. इस दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक संस्थान के अध्य्क्ष सुरेश छापरवाल, आरिफ कुरैशी, पूर्व पार्षद मोहन मीणा, शंकरलाल मेघवाल ने ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया.

शाम करीब 5 बजे ताजियों का जुलूस रवाना हुआ, जो सिंघवी जी की हवेली मार्ग होते हुए गनी बाबा दरगाह पहुंचा. जहां देश में अमन चैन के लिए कामना की गई. ताजिया जुलूस को लेकर कोई अनहोनी नहीं हो इसके लिए सीआई जितेंद्र आंचलिया के नेतृत्व में भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया.

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बता दें कि 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैं. मान्यता है कि इस महीने की 10 तारीख को इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. जिसके चलते इस दिन को रोज-ए-आशुरा कहते हैं. इस दिन जुलूस निकालकर हुसैन की शहादत को याद किया जाता है. इस दिन मुहर्रम के साथ रोजा रखने की भी परंपरा है.

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