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राजसमंद के दरीबा खान लेड स्मेल्टर के मजदूरों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन, दी ये चेतावनी

दरीबा खान लेड स्मेल्टर के मजदूरों ने दिल्ली के जंतर मंतर में हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि कंपनी के कई मजदूर गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, इसके बावजूद कंपनी द्वारा किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे कई मजदूर काल की गाल में समा चुके हैं. मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.

दरीबा खान लेड स्मेल्टर, lead smelter workers at Jantar Mantar
मजदूरों का जंतर मंतर में प्रदर्शन

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Published : Nov 12, 2020, 8:59 AM IST

जयपुर/नई दिल्ली:राजधानी के जंतर मंतर में लेड स्मेल्टर के मजदूरों ने हिंदुस्तान जिंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप है कि कंपनी में तैनात सभी मजदूर लेड बीमारी से ग्रसित हैं, साथ ही बहुत से मजदूरों की मौत हो चुकी है, लेकिन कंपनी द्वारा इस बीमारी का इलाज नहीं करवाया गया है. जिसके चलते वो बेहद परेशान हैं और धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.

मजदूरों का जंतर मंतर में प्रदर्शन

मजदूरों को गंभीर बीमारी फिर भी नहीं हुई सुनवाई

कर्मचारियों का कहना है कि इस कंपनी के 800 से ज्यादा मजदूर गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, लेकिन कंपनी द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही है. इस मामले को लेकर उन्होंने राजस्थान के राजसमन्द डीएम से शिकायत की, लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नही की गई. अगर इस मामले में कोई कार्रवाई होती तो आज इतनी बड़ी संख्या में मजदूर बीमार नहीं होते.

शरीर में 60-100% तक लेड पीपीएम

वहीं इस मामले को धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि दरीबा खान लेड स्मेल्टर के मजदूर करीब 10 सालों से कार्य करते चले आ रहे हैं, उनता हर साल चार बार ब्लड सैंपल का टेस्ट होता है, जिसकी रिपोर्ट उन्हें कई सालों से नहीं बताई गई. मजदूरों ने बताया कि जब उन्हें लगा कि शरीर काम नहीं कर रहा है, उन्हें तकलीफ होने लगी तो उन्होंने प्राइवेट जांचें करवाई. जिसमें पता चला कि उनके शरीर में 60% से लेकर 100% तक लेड पीपीएम पाया गया. जिसके चलते उनके कई मजदूर साथियों की मौत भी हो चुकी है.

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करेंगे इच्छा मृत्यु की मांग

मजदूरों का कहना है कि हिंदुस्तान जिंक प्रबंधक द्वारा बार-बार वार्ता करने के बाद भी हमें न्याय नहीं दिलाया जा रहा है और ना ही हमारा इलाज किया जा रहा है. इस बीमारी से बहुत से कर्मचारियों को लकवा हो चुका है, किसी का दिमाग काम नहीं कर रहा है. इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगो नहीं मानी गई तो हम सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.

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