राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

ग्रामीणों की कोरोना से जंग: बेहतर रणनीति और युवाओं के सहारे राजसमंद का ये गांव लड़ रहा कोरोना से जंग

राजसमंद का पसूंद गांव युवाओं की बेहतर रणनीति के कारण कोरोना से जंग बखूबी लड़ रहा है. यहां के ग्रामीणों ने भी कोरोना से बचाव के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. जिससे गांव में अभी तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं है. पढ़े ये रिपोर्ट...

rajsamand news, कोरोना वायरस
ग्रामीण योद्धा

By

Published : Jun 27, 2020, 12:09 PM IST

राजसमंद. कोरोना वायरस का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महामारी की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार लोगों को इस महामारी से बचाव के उपायों की पालना कर रही है. वहीं गांवों में कोरोना से जंग जारी है. ऐसे में राजसमंद का एक ऐसा गांव है, जिसके ग्रामीणों ने कोरोना से जंग लड़ने के लिए अच्छी रणनीति अपनाई लेकिन अभी कुछ लोगों के कारण उन्हें मुश्किलें आ रही हैं.

ग्रामीणों की कोरोना से जंग

पसूंद ग्राम पंचायत की कुल आबादी 4 हजार 500 है. कोरोना काल में आने वाले लोगों के लिए यहां दो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए. जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, जयपुर, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों से करीब 120 से अधिक प्रवासी गांव पहुंचे. जिन्हें प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर या होम क्वॉरेंटाइन किया गया. वहीं जिले में कोरोना की दस्तक देने के बाद से ही इस गांव के युवाओं ने कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैयारी कर ली.

युवाओं की टीम गठित

युवाओं ने गांव में कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान चलाया. जिसके तहत उन्होंने एक टीम का गठन की. जो गांव के बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी पंचायत को देते थे. युवाओं के प्रयास और जागरूकता के बल पर ही बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटाइन किया गया. जिससे यह महामारी इस गांव में दाखिल नहीं हो पाई.

वहीं अब अनलॉक 1 के बाद भी अधिकांश ग्रामीण जागरूक नजर आ रहे है. जो मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम जब गांव पहुंची तो कुछ युवा बिना मास्क के दिखें. साथ ही वे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए झुंड में बैठे हुए दिखाई दिए.

नरेगा कार्य के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग

वहीं गांव में दुकानदार मास्क लगाकर ही सामान बेचते रहे हैं. खास बात यह रही मनरेगा योजना के तहत खारी फीडर की सफाई का कार्य नरेगा श्रमिकों द्वारा किया जा रहा था. यहां भी महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं.

मनरेगा कार्य के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

यह भी पढ़ें.ग्रामीणों की कोरोना से जंग: पाली में सबसे ज्यादा प्रवासी आए सोजत में, खास व्यवस्था के चलते कोरोना मुक्त

पंचायत द्वारा श्रमिकों को पीने के पानी के लिए मटके की व्यवस्था करवाई गई है. खास यह है कि इन मटकों पर कोरोना महामारी के बचाव के उपाय भी लिखे गए हैं.

जरूरतमंदों और निम्न वर्ग का रखा ख्याल

सबसे खास बात इस गांव की ये है कि गांव के बुजुर्ग भी कोरोना को लेकर खासे जागरूक हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है. बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटाइन किया गया है. टीम बखूबी अपना कार्य कर रही है.

दूरी बनाकर बैठे ग्रामीण

यह भी पढ़ें.ग्रामीणों की कोरोना से जंग: बूंदी की इस पंचायत समिति ने कैसी बरती कोरोना से सावधानियां, देखें रिपोर्ट

ग्रामीण हितेश जोशी बताते हैं कि इस महामारी से उत्पन्न हुई समस्याओं में निम्न वर्ग के लोगों को काफी परेशानी हुई. जिसे देखते हुए भामाशाह और पंचायत और आम लोगों के सहयोग से 1200 से अधिक लोगों को सूखी राशन सामग्री दी गई.

जोन वाइज अलग क्वॉरेंटाईन की व्यवस्था

पंचायत के सरपंच अयन जोशी ने बताया कि इस महामारी के दौरान कोरोना रक्षक दल की टीम का गठन किया गया. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के तहत लोगों को सहायता मिली है. वही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों की दिनचर्या को लेकर स्कूल के अध्यापक ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को राज्यों अनुसार अलग रखा जाता था. जो लोग ग्रीन या ऑरेंज जॉन से आए उनके लिए अलग रहने की व्यवस्था की गई.

दुकान पर हाथ सैनिटाइज करता ग्राहक

वहीं जो लोग रेड जोन से आते हैं, उन्हें अलग रखा जाता है. साथ ही प्रशासन इन्हें खाना उपलब्ध करवाते है. कुछ लोगों को घर से खाना मंगवा कर दिया जाता है. वहीं इनके स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखा जाता है. इन सभी लोगों को सुबह योगा अभ्यास करवाया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details