राजसमंद. कोरोना वायरस का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महामारी की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार लोगों को इस महामारी से बचाव के उपायों की पालना कर रही है. वहीं गांवों में कोरोना से जंग जारी है. ऐसे में राजसमंद का एक ऐसा गांव है, जिसके ग्रामीणों ने कोरोना से जंग लड़ने के लिए अच्छी रणनीति अपनाई लेकिन अभी कुछ लोगों के कारण उन्हें मुश्किलें आ रही हैं.
पसूंद ग्राम पंचायत की कुल आबादी 4 हजार 500 है. कोरोना काल में आने वाले लोगों के लिए यहां दो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए. जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, जयपुर, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों से करीब 120 से अधिक प्रवासी गांव पहुंचे. जिन्हें प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर या होम क्वॉरेंटाइन किया गया. वहीं जिले में कोरोना की दस्तक देने के बाद से ही इस गांव के युवाओं ने कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैयारी कर ली.
युवाओं की टीम गठित
युवाओं ने गांव में कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान चलाया. जिसके तहत उन्होंने एक टीम का गठन की. जो गांव के बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी पंचायत को देते थे. युवाओं के प्रयास और जागरूकता के बल पर ही बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटाइन किया गया. जिससे यह महामारी इस गांव में दाखिल नहीं हो पाई.
वहीं अब अनलॉक 1 के बाद भी अधिकांश ग्रामीण जागरूक नजर आ रहे है. जो मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं. वहीं ईटीवी भारत की टीम जब गांव पहुंची तो कुछ युवा बिना मास्क के दिखें. साथ ही वे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए झुंड में बैठे हुए दिखाई दिए.
नरेगा कार्य के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग
वहीं गांव में दुकानदार मास्क लगाकर ही सामान बेचते रहे हैं. खास बात यह रही मनरेगा योजना के तहत खारी फीडर की सफाई का कार्य नरेगा श्रमिकों द्वारा किया जा रहा था. यहां भी महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं.
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