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किरण माहेश्वरी ने CM गहलोत को लिखा पत्र, विशेष रेलगाड़ियों की संख्या बढ़ाने की मांग

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Published : May 16, 2020, 6:59 PM IST

पूर्व मंत्री और राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान से विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों की संख्या बढ़वाकर प्रवासियों की पीड़ा दूर करने की मांग की है. किरण माहेश्वरी ने शनिवार को की गई रेल मंत्री पीयूष गोयल से फोन पर की गई बातचीत के आधार पर बताया कि श्रमिकों के लिए 1200 विशेष रेलगाड़ियां तैयार हैं. राज्य सरकार की मांग पर ये गाड़ियां उपलब्ध करवाई जा रही है.

Letter to CM Gehlot, राजसमंद न्यूज़
किरण माहेश्वरी ने विशेष रेलगाड़ियों के लिए लिखा सीएम गहलोत को पत्र

राजसमंद. कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं से हजारों श्रमिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई तरह की दिक्कतों के बीच हजारों श्रमिक अपने-अपने प्रदेश की ओर लौट रहे हैं. वहीं, पूर्व मंत्री और राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान से विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों की संख्या बढ़वाकर प्रवासियों की पीड़ा दूर करने की मांग की है.

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किरण माहेश्वरी ने कहा कि लाखों राजस्थानी भारत के विभिन्न प्रदेशों में मजदूरी और छोटे व्यवसाय करते हैं. कोरोना संक्रमण के कारण वो अपनी जन्मभूमि लौटना चाहते हैं. लेकिन, आने की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है. किरण माहेश्वरी के मुताबिक विशेषकर मुंबई और बेंगलुरु से बड़ी संख्या में प्रदेशवासी राजस्थान का आना चाहते हैं.

किरण माहेश्वरी ने शनिवार को फोन पर रेल मंत्री पीयूष गोयल से की गई बातचीत के आधार पर बताया कि श्रमिकों के लिए 1200 विशेष रेलगाड़ियां तैयार हैं. रेल मंत्रालय प्रतिदिन 300 गाड़ियों का संचालन कर सकता है. राज्य सरकार की मांग पर ये गाड़ियां उपलब्ध करवाई जा रही है.

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किरण माहेश्वरी ने बताया कि राज्य सरकारों को लागत का सिर्फ 15 फीसदी ही वहन करना पड़ता है. राज्य सरकारों ने पहले तो गाड़ियां चलाने की मांग की थी. लेकिन, अब कई राज्य सरकार पीछे हट रहे हैं. राजस्थान के अधिकांश प्रवासी खुद के साधनों से वापस लौट रहे हैं. उन्हें 8-10 हजार रुपये तक का किराया देना पड़ रहा है. कई परिवारों को तो इसके लिए अपना घरेलू सामान तक गिरवी रखना पड़ा है. इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि रेलगाड़ियां की संख्या बढ़वाई जाए, जिससे प्रवासी श्रमिकों को परेशानी कम हो. वहीं, निगम की बसों का भी उपयोग किया जाए

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