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जवाहरलाल नेहरू की बड़ी कूटनीति थी और उसके कारण कश्मीर हमारे पास है- स्वतंत्रता सेनानी सोमटिया

मौजूदा हालातों में कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के कदम पर स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया सरकार के बयान से नाइत्तेफाकी रखते हैं. उनका कहना है कि उस समय धारा 370 लगाई गई और पंडित जवाहरलाल नेहरू की बड़ी कूटनीति थी और उसके कारण कश्मीर हमारे पास है.

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Published : Aug 14, 2019, 1:56 PM IST

Updated : Aug 14, 2019, 3:52 PM IST

Special conversation with freedom fighter Chaudhary Madan Mohan Somatia

राजसमंद.वीर भूमि राजसमंद के स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया जिनकी उम्र 93 साल है. स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर चलने वाले व्यक्ति हैं. वे बताते हैं कि उस समय महात्मा गांधी ने जो विचार देश के सामने रखें. अहिंसा के मार्ग को अपनाकर देश को आजादी की नई डगर पर डालने में गांधी जी ने वह काम कर दिखाया. जिनके कल्पना भी बेहद मुश्किल है.

स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया से खास बातचीत

स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया कहते हैं कि देश आजाद हुआ. उस समय अच्छा माहौल था. महात्मा गांधी ने कहा था कि किसी का विरोध करो और उसी शांति के साथ करो. हमने अंग्रेजों का विरोध किया जिनका नतीजा आज हम सभी के सामने है. बापू ने हमें सत्य और अहिंसा का पैगाम दिया. और हम लोग सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर चले. बापू ने कहा था कि सत्य और अहिंसा पर चल कर हम सब कुछ पा सकते हैं. इसी आधार से हम लोगों ने बापू के कदमों के साथ कदम मिलाकर चले और हम देश को आजाद करा पाए.

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गांधी जी ने हमें बताया जियो और जीने दो. हम एक दूसरे के साथ अपने देश का उद्देश्य पूरा करना है. बापू ने हमें बताया कि देश का करोड़ों रुपए विदेशों में जाता है. इसे हमें बचाना है और देश को खुशहाल बनाना है. उन्होंने बताया कि अंग्रेज भारतीयों को कुछ नहीं समझते थे. गांधी जी ने कहा डरो मत जो कुछ भी होगा ठीक होगा. हमें अंग्रेजों से संघर्ष करना है. और फिर हम बापू के कदमों पर कदम मिलाकर चले और देश को आजादी दिलाई.

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आजादी के समय जब देश का बंटवारा हुआ. उन पलों को याद कर चौधरी मदन मोहन सोमटिया दुखी मन से बताते हैं कि देश का बंटवारा होना अच्छा नहीं हुआ. लेकिन परिस्थितियों ने हमें मजबूर कर दिया. सावरकर और जिन्ना ने मिलकर देश से अलग राष्ट्र की मांग की. उससे यह देश का बंटवारा हुआ. लॉर्ड माउंटेबल को आभास हो गया था कि हिंदुस्तान अब आजाद हो सकता है. इस मुल्क के दो बड़ी कौम हिंदू और मुस्लिम यह दोनों आपस में मिलकर रहेंगे इसलिए लॉर्ड माउंटबेटन ने मौके का फायदा उठाया और देश के बंटवारे का प्रस्ताव रख दिया.

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मौजूदा हालातों में कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के कदम पर स्वतंत्रता सेनानी चौधरी मदन मोहन सोमटिया सरकार के बयान से नाइत्तेफाकी रखते हैं. उनका कहना है कि उस समय धारा 370 लगाई गई और पंडित जवाहरलाल नेहरू की बड़ी कूटनीति थी और उसके कारण कश्मीर हमारे पास है. वहीं कश्मीर जो पाकिस्तान में जा रहा था क्योंकि वहां मुस्लिम ज्यादा थे वे पाकिस्तान में जाना चाहते थे. लेकिन पंडित नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को विश्वास दिलाया कि तुम हिंदुस्तान के साथ रहो और तुम्हें सब कुछ मिलेगा. तुम खुशहाल रहोगे और हिंदुस्तान का साथ दो. पंडित नेहरू ने 370 की धारा लागू कर दी थी. 370 की धारा लगाकर शेख अब्दुल्ला को यह विश्वास हो गया कि हम हिंदुस्तान में रह सकते हैं. अमन चैन और खुशहाली से रह सकते हैं. इसी आशा से उसने कश्मीर को भारत के साथ विलय किया था.

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आज एक प्रोपेगंडा चल रहा है कि नेहरू ने 370 लगाकर बड़ी गलती की थी. लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन के सिपाही रहे चौधरी मदन मोहन सोमटिया ने इसे नेहरू की बुद्धिमानी बता देते हैं. उनका कहना है कि नेहरू की कोई गलती नहीं थी. नेहरू ने अपने बुद्धिमानी से कश्मीर को बचा लिया और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया. महाराजा हरि सिंह ने हिंदुस्तान के दस्तावेज पर दस्तखत किया कि कश्मीर हिंदुस्तान के साथ रहेगा हालांकि वे भी कहते हैं कि नेहरू ने भी कहा था कि 1 दिन 370 की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी. यह स्वयं ही हट जाएगी.

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आज हमारा सामाजिक ताना-बाना सा गया है. छोटी-छोटी बातों को लेकर हम सांप्रदायिक हो जाते हैं. चौधरी मदन मोहन सोमटिया बताते हैं कि आजादी के पहले और बाद के कुछ सालों में भी ऐसा माहौल कभी नहीं रहा जैसा आज है. वह कहते हैं कि पहले कभी ऐसी कटु भावना किसी की मन में नहीं थी.

Last Updated : Aug 14, 2019, 3:52 PM IST

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