राजसमंद.केंद्र सरकार द्वारा जहां जनधन खाता धारकों की महिलाओं के खातों में पांच-पांच सौ रुपए की राशि दी जा रही है. इन पैसों की निकासी के लिए भारी संख्या में लोग बैंकों की ओर रूख कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने भी जानने की कोशिश की बैंकों के बाहर आने वाले लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने को लेकर क्या कुछ बैंक प्रशासन द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं. क्योंकि इस महामारी में सबसे ज्यादा जोर सोशल डिस्टेंसिंग पर दिया जा रहा है.
सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर बैंकों में जा रहे लोग इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम शहर के बैंक ऑफ इंडिया के बाहर पहुंची. जहां देखा कि ग्रामीण अंचल से आए लोग जनधन खाता और अन्य स्कीमों से अपना पैसा निकालने के लिए बैंक के बाहर बैठे दिखाई दिए. बैंक प्रशासन इन लोगों को टोकन सिस्टम देकर बाहर तो बैठा दिया. लेकिन प्रशासन द्वारा बैंक के बाहर धूप से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे की इन लोगों को तपती धूप से बचाया जा सके.
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वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने बताया कि इस पैसे का भी उपयोग घर की सब्जी और अन्य जरूरी सामान लाने के लिए उपयोग में लेंगे. उन्होंने सरकार से आह्वान किया कि इस राशि को बढ़ाया जाए, जिससे कि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके. वहीं कई महिलाओं ने अपना दर्द कैमरे के सामने बयां किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन को 500 रुपए की राशि को बढ़ाना चाहिए, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण ठीक से हो सके. वहीं बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक ने बताया कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने के लिए टोकन सिस्टम का उपयोग किया है. बाहर से आने वाले लोगों को सेनेटाइजर इस्तेमाल करने के बाद बैंक में प्रवेश दिया जा रहा है.
बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यह भी पढ़ेंःडगमगा रहा घरेलू उत्पादनः हस्तशिल्प कारोबारियों ने सरकार से मांगी राहत, लॉकडाउन से चौपट हुआ धंधा
इसके बाद टीम कांकरोली स्थित भारतीय स्टेट बैंक पहुंची, जहां देखा कि बैंक के बाहर गोले बनाए हुए थे. इन गोलों में सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग पालन करते हुए दिखाई दिए. जबकि बैंक में जमा राशि करने की रशीद और अन्य आवश्यक सामग्री बैंक के बाहर ही रख दी गई, जिससे कि बैंक में अंदर भीड़ न हो. वहीं प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को स्कैन करके अंदर प्रवेश किया जा रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने के लिए बैंक प्रबंधक को ने भी उपभोक्ताओं को महामारी से सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिसमें सबसे अधिक कारगर तरीका कोड सिस्टम का रहा. कोड सिस्टम लागू करने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई और दूसरे हालात सामान्य हो गए.
सहायता राशि बढ़ाने की मांग हालांकि इसके बावजूद भी जानकारी के अभाव में कुछ लोग अभी बैंक पहुंच रहे हैं. इन लोगों को बैंक प्रबंधक अपने स्तर पर उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग के पालना करवा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिलाओं और लोगों को रोकने के लिए सबसे अधिक कारगर कोड सिस्टम रहा. इसके अंतर्गत केंद्र सरकार ने ही स्टेट्स डिस्टीब्यूशन सिस्टम लागू किया. इसके अंतर्गत खातों के सबसे अंत वाले अंकों के आधार पर निकासी की तिथियां तय कर दी गई. इस संबंध में संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिव और पटवारियों को भी जानकारी दी गई, जिससे लोगों की आवाजाही पर कम असर हुआ है.