राजसमंद.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में डिजिटल विलेज योजना सबसे अहम साबित हो रही है. यह प्रोजेक्ट इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की देखरेख में पब्लिक प्राइवेट साझेदारी के सहयोग से लागू किया जा रहा है. इस योजना के तहत गांव में कॉमन सर्विस सेंटर को विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों के साथ जोड़कर इंटरनेट सेवा को संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से एक ही छत के नीचे ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
इस पायलट प्रोजेक्ट में शुरुआती तौर पर देश के 3 जिलों को जोड़ा गया था, जिसमें पटना, बनारस और राजसमंद को शामिल किया गया. इस प्रोजेक्ट में शुरुआत में 700 ग्राम पंचायतों को इस पायलट प्रोजेक्ट में जोड़ा गया, जिसके सफल क्रियान्वयन पर अब धीरे-धीरे इस योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है. अब 1050 से अधिक गांव में इस योजना को संचालित किया जा रहा है. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से डिजिटल विलेज प्रोजेक्ट में पायलट प्रोजेक्ट में 1000 से ज्यादा गांव में निशुल्क इंटरनेट की सुविधा प्रदान की गई. स्वास्थ्य शिक्षा सरकारी योजनाओं और बैंक से संबंधित ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा ग्राम वासियों को कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से सुलभ कराई जा रही है. इन पंचायतों में फ्री हॉटस्पॉट वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराने के लिए पीपीपी मोड पर कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया. डिजिटल विलेज योजना के तहत राजसमंद जिले की 216 पंचायतों के लोगों को घर बैठे अब डिजिटल इंडिया का लाभ मिल रहा है.