राजसमंद.जिले के रेलमगरा तहसील के काबरा गांव की गीता लोहार ने गोल्ड मेडल हासिल किया है. गीता ने रनिंग ट्रैक के बजाय अपने गांव काबरा की धूल भरी सड़कों और रास्तों पर निरंतर अभ्यास कर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता है. पिता ने कर्ज लेकर गीता को चैंपियन बनाया. रांची झारखंड में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2021 में गोल्ड मेडल हासिल कर रेलमगरा क्षेत्र और राज्य का नाम रोशन किया. लोहार ने यह मेडल 20 साल आयु वर्ग के 10 किलोमीटर रेस वाॅक को जीतने पर मिला है.
गीता के पिता खेती-बाड़ी करते हैं और गीता की मां मनरेगा योजना में मजदूरी कर परिवार को आर्थिक सहयोग प्रदान करने में अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है. ऐसे में मां -बाप के सपने को गीता बखूबी पूरी करने में जुटी हैं. गीता ने अपने गांव काबरा की सामान्य रास्तों पर निरंतर दौड़ लगा कर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. संपूर्ण भारत में 10 किलोमीटर रेस वॉक में प्रथम स्थान हासिल किया.
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मां गंगा देवी लोहार ने बताया कि उनकी 6 बेटियां हैं. जिन्हें वे अथक प्रयासों से गरीबी से जूझते हुए भी हर प्रकार की शिक्षा दिलाने की पूर्ण कोशिश कर रही हैं. उनकी बेटी की गीता लोहार ने 10 किलोमीटर वक में 20 साल श्रेणी में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर परिवार को अप्रत्याशित खुशी मिली है. मां बताती है कि बेटी की कारनामे में उनके परिवार को अद्भुत खुशियां और सम्मान दिया है.
गोल्ड मेडलिस्ट ने परिवार नाम किया रोशन
गोल्ड मेडलिस्ट के पिता हरिशंकर लौहार बताते हैं कि उनके 6 बेटियां हैं और उनको के लिए उन्होंने कर्ज पर पैसा लेकर इनको पढ़ाने एवं खेल से जुड़े रखने के लिए बहुत संघर्ष करते रहे और इसका परिणाम स्वरूप बेटी ने भी उनका नाम राष्ट्रीय लेवल पर प्रसिद्ध किया है. इस कार्यों पर उन्हें उनकी बेटियों पर नाज है वह अपनी बेटियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए हमेशा लगे रहते हैं. इन बेटियों को पढ़ाने एवं खेल से जुड़े रखने के लिए कई लोगों से कर्ज पर पैसा ले रखा है. लेकिन आज खुशी है कि इसके बदले बेटियों ने हमें बहुत बड़ी खुशी प्रदान की.
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गीता उन की 6 बेटियों में चौथे नंबर की बेटी है, जो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय काबरा में 12वीं कक्षा की साइंस वर्ग में अध्ययनरत हैं. बेटी को पढ़ाने के लिए मां मनरेगा में कार्य करती हैं और पिता खेती-बाड़ी का कार्य कर अपने परिवार को भी मुश्किल चलाते हैं और परिवार हमेशा ही आर्थिक समस्याओं से जूझता रहा है.
कोच ने की सरकार से मदद की मांग
गीता के कोच गुरमुख निहाल ने बताया कि गीता अद्भुत योग्यता की धनी है. उसने अब तक राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं और इस बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 10 किलोमीटर रेस वॉक में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है. निहाल बताते हैं कि गीता को अगर उच्च श्रेणी के लिए ट्रेनिंग के लिए अच्छी साधन सुविधाएं मिले तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर सकती है. इसके लिए राज्य सरकारों एवं भामाशाह को आगे आकर ऐसी होनहार खिलाड़ियों का सहयोग प्रदान करना चाहिए.