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हरा-भरा राजस्थान : राजसमंद में पर्यावरणविदों ने बताया पेड़ का महत्व...पौधारोपण कर लोगों को किया प्रेरित - Special Story

बढ़ती आबादी से वैश्विक परिदृश्य के कई दुश्वारियां से विश्व जूझ रहा. उससे कहीं ना कहीं और अछूता हमारा देश और प्रदेश भी नहीं है. राजधानी दिल्ली की बात हो या दूसरे अन्य प्रदेश सभी में यह समस्या हो रही है. जलवायु परिवर्तन की वजह से कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की तबाही देखने को मिल रही है.जिसका कारण पर्यावरण के मानव समाज द्वारा विकास की चाह में अनदेखी करना है. बढ़ती आबादी और मानवीय भूल के कारण आज देश में प्रति व्यक्ति के हिस्से में सिर्फ 24 पेड़ ही बचे हैं.

राजसमंद में पर्यावरणविदों ने बताया पेड़ का महत्व

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Published : Jul 11, 2019, 5:24 PM IST

राजसमंद.पृथ्वी पर बेहतर जीवन के लिए पेड़ लगाने ही होंगे. क्योंकि सरकार के आंकड़े आईना दिखाने लगे हैं कि हमें पर्यावरण के लिए सचेत होना पड़ेगा. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की ग्रीन राजस्थान की मुहिम के तहत लोगों को पेड़ लगाने को लेकर जागरूकता लाने की एक मुहिम शुरू की है. जिसके तहत गुरुवार को राजस्थान के राजसमंद जिले के जिला मुख्यालय के जेके गार्डन में पर्यावरणविद के माध्यम से राजसमंद के बाशिंदों को पेड़ लगाने को लेकर आग्रह किया गया.

पर्यावरणविद दिनेश श्रीमाली ने कहा कि मेवाड़ का जो पहाड़ी बेल्ट का इलाका है. इस इलाके को लेकर हमारे सामने जो संकट है. वो पर्यावरण को लेकर है. उन्होंने कहा कि उस परिदृश्य से हम सोचें तो इस इलाके में जिस इलाके की नदियां और नालियां किसी ग्लेशियर पर निर्भर नहीं है. वहां हमें वो पेड़ लगाने चाहिए जो भूमि के अनुकूल हो. हमारे लिए सबसे अनुकूल पेड़ सीताफल का पेड़ है. इसके अलावा महुआ का पेड़ लगा कर के उसके फलों और फूलों को पत्तियां का बड़ा उपयोग है.

राजसमंद में पर्यावरणविदों ने बताया पेड़ का महत्व

वहीं श्रीमाली ने ईटीवी भारत ग्रीन राजस्थान की मुहिम की तारीफ करते हुए कहा कि जिस प्रकार से ईटीवी ने जो मुहिम चलाई वह सराहनीय है. वहीं श्रीमाली ने कार्यक्रम में स्थित सभी लोगों को संकल्प दिलाया कि हम हमारे इलाके के अंदर पेड़ लगाएंगे.

वहीं कार्यक्रम में लोगों ने भी एक दूसरे से पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए बातचीत की. जिसमें किशन जी ने कहा कि हमें संकल्प के साथ यह काम करना चाहिए हमने भी बीजों को इकट्ठा किया है. और उन्हें बरसात के बाद पहाड़ों पर जाकर उन्हें लगाएंगे, तो वही कार्यक्रम में महिलाओं ने भी अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को किस प्रकार पालते हैं उसी तरह हमें एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए और उसका पालन-पोषण भी अपने के बच्चे की तरह ही करना चाहिए.

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