देवगढ़ (राजसमंद).राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आह्वान पर ठेका प्रथा, क्लस्टर, निजीकरण जैसी जनविरोधी नीतियों को बंद कराने के विरोध में बुधवार को देवगढ़ विद्युत कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन प्रदेश व्यापी आह्वान पर विद्युत निगम आरवीएनएल जेवीवीएनएल जेडी वी एन एल में चल रही प्रस्तावित एफ आर टी, एम बीएस, ठेका प्रथा, क्लस्टर निजीकरण को बंद किया जाए.
इसी को लेकर कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. विधुत निगम प्रबंधन और उपभोक्ताओं के लिए हितकर और लाभकारी नहीं है. 19 जुलाई, 2001 से पूर्व विद्युत मण्डल के समय घाटा 700 करोड़ रुपए था. घाटे की आड़ में विद्युत मण्डल को 5 निगमों में बांटने का जन विरोधी फैसला लिया गया. जिससे बुधवार को विद्युत निगमों का घाटा 1 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया है और लोसेज का ग्राफ भी बढ़ गया है. जिस प्रकार विद्युत मण्डल को 5 निगमों में बांटने का फैसला गलत हुआ था.
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उसी तरह अब जो यह ठेका प्रथा निजीकरण को बढ़ावा देने का फैसला भी आत्मघाती होगा. विद्युत निगमों का घाटे का मूलकारण ठेकाप्रथा को बढ़ावा देना है. कर्मचारियों की भर्ती की जाए जिससे निगम के सभी कार्य कर्मचारियों से किए जा सकते हैं. कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंप कर इस ठेकाप्रथा का एसोसिएशन और बेरोजगार संघ की ओर से जोरदार विरोध किया जा रहा है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी गई है कि अगर इन फैसलों को नहीं बदला गया तो आगामी 15 दिवस बाद राज्य व्यापी आंदोलन धरना प्रदर्शन किया जाएगा और सभी कर्मचारियों को बांसवाड़ा बुला लिया जाएगा.