राजसमंद. जिले में प्रशासन की एक और बड़ी चूक सामने आई है. जहां 10 दिनों पहले प्रशासन ने औंकारलाल नाम के एक व्यक्ति का शव बिना पोस्टमार्टम करवाए परिजनों को सौंप दिया था. वहीं गमगीन माहौल के बीच प्रशासन ने भी अंतिम संस्कार कर दिया था. ऐसे में रविवार शाम अचानक ओंकारलाल घर लौट आया. जिसे देख परिजन चौंक गए.
बिना पेस्टमार्टम दिया शव
जानकारी के अनुसार, 11 मई को मोही रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. उसे 108 एम्बुलेंस से आरके जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया. बाद में जिला अस्पताल प्रशासन ने कांकरोली पुलिस को पत्र भेजकर उसकी पहचान के लिए कहा. पुलिस ने पहचान के प्रयास किए, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. जिसके बाद 15 मई को हेड कांस्टेबल मोहनलाल अस्पताल पहुंचे, जहां सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के आधार पर पुलिस ने विवेकानंद चौराहा, कांकरोली निवासी ओंकारलाल गाडोलिया लौहार के भाई नानालाल और परिजनों को बुला लिया.
नानालाल ने पुलिस को बताया था कि उसके भाई ओंकारलाल के दाएं हाथ में कलाई से लेकर कोहनी तक लम्बा चोट का निशान है. वहीं बाएं हाथ की दो अंगुलिया मुड़ी हुई हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने शव तीन दिन पुराना और फ्रिज में होने का हवाला देकर हाथ के निशान मिटने की बात कहकर परिवार को शव दे दिया.
औंकारलाल लौटा घर
ओंकार गाडोलिया के भाई नानालाल गाडोलिया ने बताया कि पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम करवाए ही पंचनामा बनाकर शव दे दिया और परिजनों ने औंकारलाल गाडोलिया लौहार समझकर अंतिम संस्कार भी कर दिया. पिछले 10 दिनों से परिवार में गम का माहौल था. जिसके बाद रविवार शाम औंकारलाल घर लौट आया, तो परिजन चौंक गए.