राजसमंदः शहर की सरकार चुनने के बाद अब उपचुनाव में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों को चुनने की बारी है. स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद फिर से उप चुनाव का बिगुल बजने वाला है. पिछले दिनों प्रदेश में 4 विधायकों के निधन के बाद खाली हुई सीटों पर उपचुनाव की बिसात बिछेगी. राजनीति की शतरंज में प्यादे और वजीर सभी अपनी अपनी चालें चलते नजर आएंगे.
राजसमंद नगर परिषद में करीब दो दशक बाद बोर्ड में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है. चुनाव का पूरा रिमोट कंट्रोल नाथद्वारा से डॉक्टर सीपी जोशी गुट ने अपने हाथ में ले रखा है और अपनी रणनीति से राजसमंद नगर परिषद में भाजपा का किला ढहाते हुए बोर्ड में कांग्रेस को सरताज बनवाया है. इस विजय का सेहरा बंधा त्रिमूर्ति डॉक्टर सीपी जोशी, राजसमंद जिला प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना और राजसमंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवकीनंदन गुर्जर के सिर पर.
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नगर परिषद में मिली जीत के बाद उत्साह से लबरेज डॉक्टर जोशी एंड टीम राजसमंद विधानसभा सीट से भाजपा का तिलिस्म तोड़ने के लिए जी जान से जुट गई है. ऐसे में एक बार फिर से कांग्रेस खेमे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र और RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत के राजसमंद सीट से राजनीतिक पदार्पण की चर्चाएं तेज हो गई हैं. भला हो भी क्यों ना डॉक्टर सीपी जोशी वैभव गहलोत के राजनीतिक गुरु के साथ ही गॉडफादर की भूमिका में भी हैं.
उप चुनाव पर चर्चा करने से पहले जरा फ्लैशबैक में चलते हैं. जब सीपी जोशी अपनी राजनीतिक पारी को नाथद्वारा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद दोबारा शुरू करने जा रहे थे, 2009 के लोकसभा चुनाव में जब डॉक्टर सीपी जोशी भीलवाड़ा सीट से चुनाव लड़े थे, तब चुनाव मैनेजमेंट का जिम्मा वैभव गहलोत ने संभाला था. यहां से जीतकर डॉक्टर सीपी जोशी केंद्र सरकार में परिवहन मंत्री बने थे तभी से वैभव गहलोत डॉक्टर सीपी जोशी के काफी करीब आ गए थे. साल 2013 में जब सीपी जोशी जयपुर ग्रामीण से लोकसभा चुनाव हारे थे तब भी वैभव गहलोत सीपी की चुनावी टीम का हिस्सा थे.
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वहीं, साल 2018 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वैभव गहलोत को जब एक अदद आसरे की तलाश थी, तब डॉक्टर सीपी जोशी ने वैभव गहलोत को राजसमंद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए RCA की दहलीज तक पहुंचाया और बाद में जब जोशी ने RCA अध्यक्ष का पद छोड़ा तो उस पर वैभव गहलोत की ताजपोशी करवाई, जिसमें भी डॉक्टर जोशी की अहम भूमिका रही. ऐसे में वैभव गहलोत के क्रिकेट प्रशासक करियर की शुरुआत डॉक्टर सीपी जोशी की पहल पर ही हुई. इसके बाद से वैभव गहलोत और सीपी जोशी के रिश्तो में काफी प्रगाढ़ता आ गई. वैभव गहलोत भी डॉक्टर जोशी को अपना गॉडफादर मानते हैं. ऐसे में राजसमंद में अचानक बनी उपचुनाव की स्थिति में एक बार फिर से वैभव गहलोत के राजनीतिक पदार्पण की चर्चाएं तेज हो गई हैं. हालांकि कोई भी नेता अभी तक खुलकर बोलने से कतरा रहा है.
वैभव के नहीं आने के कारण
सूत्रों की मानें तो वैभव गहलोत राजसमंद से कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होंगे, क्योंकि इस बात के संकेत सीएम अशोक गहलोत से भी मिल रहे हैं, तो वहीं राजनीतिक गतिविधियों पर नजर डालें तो कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि अभी तक बड़े सरकार ने छोटे सरकार के नाम पर 3 सीट नहीं दिए. पिछले दिनों वैभव गहलोत जब राजसमंद आए थे तो उनका दौरा पूरी तरह से गुप्त रखा गया और बिना किसी शोर-शराबे के गांव राजसमंद आकर चले गए. ऐसे में में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर वैभव गहलोत को राजसमंद से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाना फाइनल होता तो उनकी धमाकेदार एंट्री राजसमंद में होती.
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