कुंभलगढ़ (राजसमंद): मिशन 2023 (Mission 2023) को ध्यान में रखकर भाजपा विभिन्न राज्यों में चिंतन मंथन कर रही है. इसके तहत ही राजस्थान के कुंभलगढ़ (Kumbhalgarh Chintan Shivir) को चुना गया. आज दूसरे और अंतिम दिन कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. जिसमें वल्लभनगर (Vallabhnagar) और धरियावद (Dhariyawad) विधानसभा सीट पर कैसे भाजपा विजयी हो इस पर विचार विमर्श होने की उम्मीद है.
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मेवाड़ की वल्लभनगर (Vallabhnagar) और धरियावद (Dhariyawad) विधानसभा सीट (Assembly Seats) पर भाजपा (BJP) की नजर है. क्योंकि लंबे समय से इन पर काबिज होने का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया है. मंथन इस पर भी होगा कि किस प्रत्याशी को इन दोनों सीट्स पर उतारा जाए. सोच ये है कि स्ट्रैटजी कुछ ऐसी हो कि जीत हासिल कर पूरे राज्य को संदेश जाए कि गहलोत सरकार का खुमार लोगों पर से उतर गया है और Anti incumbency की स्थिति है.
दूसरा दिन खास, Mission 2023 की बात
आज भी 3 चरणों (3 Session)में इस बैठक (Kumbhalgarh Chintan Shivir) में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी वही आज भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष (BL Santosh)और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह (Arun Singh) सभी नेताओं को संबोधित करेंगे. ऐसे में करीब 2:00 बजे तक यह बैठक चलने का अनुमान लगाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस बैठक में उन सभी लोगों से अलग-अलग मुद्दों पर राष्ट्रीय महामंत्री चर्चा कर रहे हैं. जिससे 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का कमल खेल सके, ऐसे में इस पूरे मंथन में मेवाड़ (Mewar) की 2 विधानसभा सीटों को भी जीतने की योजना अख्तियार की जा रही है.
पहले दिन पांच सत्र में हुई चर्चा
मंगलवार को पांच चरणों (5 Sessions) में पूरी बैठक संपन्न हुई जिसमें कई विषयों पर गहनता से देर रात तक विमर्श किया गया हालांकि यह पूरी तरह से गुप्त चर्चा रही. बताया गया कि इस दौरान गहलोत सरकार (Gehlot Government) की खामियों को लेकर ज्यादा जोर दिया गया. 40 नेताओं को इस बैठक में शामिल होना था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत 2 केन्द्रीय मंत्रियों (2 Union Ministers) के न शामिल होने से खेमेबाजी की चर्चाओं को बल मिला.
और गहलोत सरकार को जमकर कोसा
पहले दिन की बैठक को लेकर जो प्रेस विज्ञप्ति (Press Release) जारी की गई उससे ऐसा लगा जैसे अपनी खूबियों से ज्यादा राज्य सरकार (Gehlot Government) की खामियों पर चर्चा की गई. प्रेस नोट में सभी नेताओं ने कांग्रेस की गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. जिसमें बिगड़ती कानून व्यवस्था को निशाना बनाया. हालांकि इस पूरी बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आने को लेकर जिस तरह की चर्चाएं लंबे समय से चल रही थी उन पर विराम लगा और वे इस बैठक में शामिल नहीं हुई.
वसुंधरा राजे ने दिया पुत्रवधू का हवाला
वसुंधरा (Vasundhara Raje) ने इस बैठक (Kumbhalgarh Chintan Shivir) में शामिल नहीं होने पर अपनी पुत्रवधू की नासाज तबियत का हवाला दिया. वहीं इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat)और मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) भी शामिल नहीं हुए और जाहिर हो गया कि पार्टी के भीतर खट्टास गई नहीं है. दरअसल, इन नेताओं को मंच पर लाकर पार्टी All Is Well का संदेश देना चाहती थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
दूसरी ओर, उम्मीद इस बात की भी थी कि वसुंधरा राजे गुट (Vasundhara Camp) की संगठन से चर्चा होगी. नाराजगी का कोई हल निकाला जा सकेगा लेकिन ये भी हो न सका.