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349 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन, श्रीनाथजी मंदिर में भील समुदाय ने लूटा अन्नकूट

राजसमंद के श्रीनाथजी के दरबार में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. श्रीनाथजी के मंदिर में भीलों द्वारा अन्न लूटने की परंपरा है, जिसे भील समाज के लोगों ने सोमवार को विधिवत निभाया.

अन्नकूट महोत्सव, Rajasthan news
श्रीनाथजी के दरबार में अन्नकूट महोत्सव

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Published : Nov 16, 2020, 1:38 PM IST

राजसमंद.नाथद्वारा के पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी के दरबार में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. जिसके तहत श्रीनाथजी को अन्नकूट दर्शन से पूर्व छप्पन भोग धराया गया लेकिन प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष आम दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया.

श्रीनाथजी के दरबार में अन्नकूट महोत्सव

श्रीनाथजी में अन्नकूट महोत्सव के दौरान अन्न लूटने की परंपरा है. जिसे भील समाज के लोग लूटते हैं. इसी के तहत साल पुरानी परंपरा अनुसार श्रीनाथजी के दर्शनों के समय भील समाज के लोगों ने चावल और सारी भोग सामग्री को लूटा. इस परंपरा का आनन्द लेने श्रद्धालु बाहर कतार लगाए खड़े रहे. वहीं हर साल की तरह कोरोना को देखते हुए कम ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया गया.

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इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा, पुलिस उप अधीक्षक, वृत निरीक्षक व उपखंड अधिकारी सहित सभी आला अफसर व्यवस्थाओं को संभाले रहे.

नागौर में मनाया गया भाई दूज

नागौर में पांच दिवसीय दीपोत्सव के तहत सोमवार को भाई दूज का पर्व मनाया गया. बहनों ने पूजा-पाठकर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना की.

नागौर शहर सहित अंचल में अनेक प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.कहीं पर सोमवार को भी भाईदूज एवं अन्नकूट महोत्सव पारंपरिक रूप से मनाया गया. साथ ही शहर के श्रीचारभुजानाथ मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया.

नागौर में मनाया गया भाई दूज

कोरोना वायरस का प्रकोप अन्नकुट महोत्सव पर भी देखने को मिला. इस महोत्सव के तहत चारभुजानाथजी के मंदिर में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ इस बार नहीं के समान ही दिखी. मंदिर के पुजारी कैलाशचंद शर्मा ने बताया कि भगवान का भव्य श्रृंगार किए जाने के बाद मंदिर परिसर में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

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अन्नकूट महोत्सव के तहत मन्दिर में दोपहर तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए. इन कार्यक्रमों में महिलाओं ने भाग लिया और यहां पर आए श्रद्धालुओं ने भगवान के समक्ष शीश नवाते हुए मन्नतें मांगी. इस मौके पर महिलाओं ने अनेक प्रकार के भजनों की प्रस्तुतियां दी.

इसके बाद दोपहर भगवान के अन्नकूट प्रसाद के साथ ही झांकी सजाई गई और इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अन्नकुट का प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर भगवान का श्रृंगार किए जाने के साथ ही आरती हुई. दीवाली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया.

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