राजसमंद.भारतीय जनता पार्टी का दो दिवसीय चिंतन शिविर बुधवार को संपन्न हुआ. सोमवार और मंगलवार को 10 सत्रों में हुई बैठक में राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गहन विचार विमर्श हुआ.
विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा का एक्शन प्लान तैयार किया गया. इस बीच ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बताया कि चिंतन शिविर में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि दो दिवसीय बैठक में आगामी 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई है. पूनिया ने कहा कि देश भर में हर स्तर की बैठक होती है. जिसमें भाजपा के प्रदेश स्तर के कामकाज की समीक्षा होती है. ऐसे में आगे किस तरह का एक्शन प्लान तैयार करना है, इसकी योजना अख्तियार की जाती है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया से खास बातचीत (भाग 1) पूनिया ने बताया कि बैठक में कोर कमेटी संभाग के पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. मकसद भाजपा को मजबूत बनाना और 2023 को लेकर मानसिक और व्यवहारिक तैयारियों का खाका तय करना था.
कुंभलगढ़ में भाजपा चिंतन शिविर बैठक में क्या कुछ निकल कर आया..
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय समन्वय से काम करती हैं. बार-बार सत्ता परिवर्तन से प्रदेश को नुकसान होता है. क्योंकि हम एक नीति तैयार करते हैं और फिर 5 साल बाद दूसरी सरकार आती है तो नीतियां बदल दी जाती हैं. संगठन मजबूत होगा तो हम सत्ता में लंबे समय तक टिक कर काम कर पाएंगे. इसलिए मिशन 2023 में अजेय बनने के लिये बैठक में चिंतन किया गया है.
चिंतन शिविर में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह पढ़ें- टारगेट 2023 : भाजपा के चिंतन का मंथन - विधानसभा चुनाव 2023 जीतने का लक्ष्य..सरकार को घेरेंगे, आंदोलन करेंगे..
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुत सारी नीतियां लागू की हैं. जिन्हें नीचे के तबके तक पहुंचाने का काम भाजपा करेगी. राजस्थान सरकार को ढाई साल हो गए हैं, सरकार के खिलाफ भी बहुत से मुद्दे हैं. इसलिए एंटी इनकंबेंसी नजर आती है. कोरोना प्रोटोकॉल जैसे ही खत्म होगा प्रदेश में भाजपा बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया से खास बातचीत (भाग 2) वसुंधरा राजे के बैठक में नहीं आने का कारण..
उन्होंने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया में किसी की अनुपस्थिति को सियासी कारणों से उसे प्रमाणित नहीं किया जाता है. जो नहीं आए उनमें तीन प्रमुख लोग थे. ऐसे में तीनों के व्यक्तिगत और पारिवारिक कारण थे. इसलिए उनकी अनुपस्थिति को राजनीतिक कारणों से जोड़ना गलत है. मुझे नहीं लगता कि इन तीनों की अनुपस्थिति के पीछे कोई सियासी कारण है.
चिंतन शिविर में शामिल हुए बीएल संतोष कुंभलगढ़ को ही बैठक के लिए क्यों चुना..
उन्होंने कहा कि यह चिंतन बैठक कहीं और आलीशान जगह भी हो सकती थी. लेकिन हर जगह का अपना एक महत्व है. अंग्रेजी में एक कहावत है कि जगह अच्छी हो तो अच्छे विचार आते हैं. स्थानम् प्रधानम् हमारी परंपरा भी है. इस लिहाज से जयपुर के किसी लग्जरी होटल में यह बैठक न करके कुंभलगढ़ में आयोजित की गई. इस स्थान का विशेष महत्व है. अजेय दुर्ग कुंभलगढ़ और महाराणा प्रताप को नमन करके हमने इस बैठक की शुरूआत की.
जगह अच्छी हो तो अच्छे विचार आते हैं- पूनिया मेवाड़ से चुनावी आगाज माना जाए..
पूनिया ने व्यंग्यात्मक तरीके से कहा कि हम राजनीति में हैं, इसलिए यहां पर भजन करने तो आए नहीं हैं. चुनाव होगा तो चुनाव जीतने के लिए काम भी करेंगे. जब मैं मिशन 2023 की बात कर रहा हूं तो इसका मतलब यह कि हम यह सोचें कि जीत कैसे हो. हमने राजस्थान में पिछली विधानसभा 163 सीट जीती थीं. हम यह सोच रहे हैं कि इससे बड़ी जीत के लिए हमें क्या करना होगा.