राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों से हर व्यवसाय को भारी नुकसान हुआ है. पिछले 3 महीने से देश में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा खामियाजा निम्न और मध्यम वर्ग के छोटे दुकानदारों को उठाना पड़ा है. ईटीवी भारत की टीम भी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों को समझने के लिए राजसमंद शहर में निकली.
बता दें कि इस लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा बुरा असर छोटे व्यापारियों पर पड़ा है. मार्च,अप्रैल और मई का महीना इन छोटे व्यापारियों के लिए पूरे साल भर की कमाई का सीजन होता है क्योंकि इसी समय शादी और त्योहारों का भी सीजन होता है, जिससे इन छोटे दुकानदारों को बड़ा मुनाफा कमाने का मौका मिलता था. लेकिन लॉकडाउन के कारण इन छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
वहीं, इन छोटे किराना व्यापारियों पर मध्यम वर्ग और गरीब लोग भी आश्रित रहते थे क्योंकि परिवार का गुजारा चलाने के लिए गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इन व्यापारियों से उधार में सामान ले जाते थे. महीने के अंत में तनख्वाह आने पर दुकानदारों को पैसे देते थे और अपने परिवार का गुजारा चलाते थे. राजसमंद जिला प्रशासन ने इस महामारी को देखते हुए बाजार खोलने के समय में बदलाव कर दिया था, जिसके तहत किराना दुकान खोलने का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक रखा गया था. जबकि ज्यादातर दुकानदारों को होम डिलेवरी करने को कहा गया था.
खरीददारी में आई भारी गिरावट
देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने इन दुकानों को खोलने का समय सुबह 7 से शाम 7 बजे तक निर्धारित किया है. किराना सामान के व्यापारी विनोद कुमार का कहना है कि यह वक्त शादी विवाह का होता है. और इस समय अच्छी खासी कमाई होती थी. लेकिन लॉकडाउन ने ऐसी मार मारी कि अब दुकान का किराया देना भी जेब से भारी पड़ने लगा है. उन्होंने बताया कि इन दिनों में 20- 25 हजार रुपए कमाया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों की खरीददारी में भी भारी गिरावट आई है.