प्रतापगढ़. कोरोना महामारी के कारण इस साल प्रतापगढ़ में नववर्ष का जश्न पूरी तरह से फीका रहा. कलेक्टर की ओर से नगर परिषद क्षेत्र में कर्फ्यू की घोषणा के कारण शाम 7 बजे के बाद बाजार पूरी तरह से बंद हो गए और शहर में सन्नाटा पसर गया. हालांकि लोगों ने नगर परिषद क्षेत्र से बाहर जाकर कुछ स्थानों पर नए साल का जश्न मनाया, लेकिन कुल मिलाकर इस बार नववर्ष के जश्न पर कोई बड़े आयोजन नहीं हुए.
प्रतापगढ़ नगर परिषद क्षेत्र में कलेक्टर अनुपमा जोरवाल की ओर से कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू की घोषणा की गई थी. जैसे ही 2020 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को शाम की 7 बजी बाजारों में दुकानें बंद होने लगी. लोग अपने-अपने घरों में जाने लगे. पुलिस के जवान जगह-जगह गश्त करते हुए दिखाई दिए.
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उप पुलिस अधीक्षक पीयूष कविया और कोतवाली थाना अधिकारी मदन लाल खटीक के निर्देशन में मोबाइल पार्टियां गश्त करती रही. व्यापारिक प्रतिष्ठान, होटल, रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद हो गई. अधिकांश लोगों ने घरों में रहकर ही नए वर्ष की अगवानी की. प्रशासन की ओर से इस दौरान आतिशबाजी पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था. हालांकि कहीं-कहीं से रात 12 बजते ही पटाखों की आवाज सुनाई दी. कोरोना महामारी के कारण लगाए गए इस कर्फ्यू का खासा असर रहा. इस बार सड़क पर कोई हुडदंगी नजर नहीं आए और शांति रही.