छोटीसादड़ी (प्रतापगढ़). जिले के छोटीसादड़ी उपखण्ड में काश्तकारों से अफीम खरीदी बुधवार से शुरू हो गई है. अफीम खरीद को लेकर केंद्र पर तैयारियां मंगलवार को ही पूर्ण हो चुकी थी.
बुधवार को तौल केंद्र पर पहुंचे काश्तकारों को चिकित्सा टीम की ओर से स्क्रीनिंग और सैनिटाइज करते हुए सभी को मास्क वितरण कर ही तौल केंद्र में प्रवेश दिया गया. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अफीम तौल की गई.
उपखंड के काश्तकारों की अफीम तुलाई जिला अफीम अधिकारी डीके सिंह प्रतापगढ़ द्वितीय खण्ड निर्देशन में ओंकार माध्यमिक विद्यालय परिसर में की जा रही है. अफीम को रखने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर मंगलवार को साफ किए गए. किसानों को गर्मी से राहत देने के लिए तुलाई केंद्र पर पंखे-कूलर तथा शीतल पानी की व्यवस्था की गई.
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सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
विभाग द्वारा तहसील कार्यालय रोड पर स्थित ओंकार माध्यमिक विद्यालय परिसर में बनाए गए अफीम खरीद केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं. सुरक्षा के कड़े प्रबंध के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. केंद्र पर लगाए गए कैमरों से सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. सभी कैमरों से रिकार्डिंग की जाएगी.
सुरक्षा की दृष्टि से आर्मस गार्ड की टुकड़ी के जवान केंद्र पर तैनात किए गए. नारकोटिक्स विभाग के कृषि निरीक्षक एमके जैन ने बताया कि तहसील के लगभग 3441 काश्तकारों के अफीम की तौल करायी जाएगी. पहले दिन बुधवार को भैरवी कमोलिया, करणपुर कला, सालेड़ा, साटोला, छायनपुर, खेड़ा केसुंदा, उंडा वेला के 59 किसानों की अफीम तौली गई.
इन गांवों के काश्तकारों के अफीम का गुरुवार को होगा तौल
अफीम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि गागरोल ए और गागरोल बी गांव के 75 किसानों का तौल गुरुवार होगा. अफीम का तौल दो भागों में किया जा रहा है. प्रथम भाग सुबह 6 से 12 बजे तक द्वितीय भाग 12 बजे से लेकर 5:30 बजे तक. साथ ही क्षेत्र के किसानों को विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर सूचना दी जा रही है. साथ ही उन्हें सरकारी वाहन में ही तौल केंद्र पर लाया जा रहा है.
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पहले दिन 59 काश्तकारों की तुली अफीम
मध्यप्रदेश और राजस्थान में सर्वाधिक बोई जाने वाली औषधि अफीम की फसल की सही कीमत नहीं मिलने तक किसान अफीम की वर्तमान कीमत सरकार से नहीं लेंगे.
पहले दिन 59 काश्तकारों की तुली अफीम प्रतापगढ़ के छोटीसादड़ी में भारतीय अफीम किसान विकास समिति राजस्थान मध्यप्रदेश के संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट ने बताया कि सभी अफीम किसान सरकार प्रशासन के आदेश निर्देशों का पालन करते हुए अफीम तौल में हिस्सा लेकर अफीम तौल करवाएंगे. साथ ही बदले में इसकी कोई कीमत नहीं लेंगे. नारकोटिक्स विभाग का लचर एवं अपारदर्शी जांच प्रक्रिया के कारण बढ़िया अफीम को भ्रष्ट अधिकारी घटिया करते हैं, जिससे अफीम विदेशों में निर्यात नहीं हो कर फैक्ट्रियों में सड़ रही हैं.
इतना ही नहीं अफीम की कीमत लाखों में आंकी जाती है और किसानों को मात्र 800 से 2200 रुपए प्रति किलो के रूप में सरकार भुगतान करती है. जो लागत मूल्य से भी काफी कम है. सरकार और प्रशासन जब तक अफीम की अंतरराष्ट्रीय कीमत कम से कम 25 हजार से 50 हजार प्रति किलो नहीं करती तब तक अफीम किसान अपनी फसल की कम कीमत नही लेंगे.