प्रतापगढ़. शहर में सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के उल्लंघन का आरोप लगा है. जिसे लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कुछ लोगों ने याचिका दाखिल की थी, जिसकी अगली सुनवाई 16 जून को होनी है.
दरअसल, सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को नियमों के अनुसार शहर की सीमा से पांच से दस किलोमीटर दूर बनाया जाना चाहिए. लेकिन यह दो किलोमीटर के दायरे में ही है.
साथ ही यह शहर की कुछ कॉलोनियों और दीपेश्वर महादेव मंदिर से 100 मीटर दूर भी नहीं है. ऐसे में मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इलाके में वायु प्रदूषण फैलने की आशंका है.
सिविल न्यायालय में यह याचिका धर्मराज सोनी, विश्वदीपसिंह राणावत निवासी बाणेश्वरी कॉलोनी, संजय सोनी निवासी इंदिरा कॉलोनी, मनसुख सोनी निवासी गोपालगंज, गजेन्द्र खत्री और मनीष रावल की ओर से दायर किया गया. वाद में जिला कलक्टर, नगर परिषद, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, तहसीलदार और सीवरलाइन डालने का काम करने वाली फर्म खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दायर की है.
पढ़ें:प्रतापगढ़ में घर-घर औषधि योजना में 89 हजार परिवारों में बंटेंगे 7.74 लाख पौधे
याचिका में कहा गया है कि शहर में सीवर लाइन डाली जा रही है. इसके गंदे पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. यह प्लांट शहर की बाणेश्वर कॉलोनी के पास और गोशाला के पीछे वाले हिस्से में एराव नदी के किनारे बनाया जा रहा है. इस प्लांट की दूरी बाणेश्वरी कॉलानी से मात्र 50 मीटर और दीपेश्वर मंदिर से मात्र सौ मीटर से भी कम है.
याचिका में आशंका जताई गई कि यह प्लांट बनने से बाणेश्वरी कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्र में बदबू आएगी. इससे जन स्वास्थ्य को हानि होगी. दूसरी ओर प्रस्तावित प्लांट के पास ही दीपेश्वर, गुप्तेश्वर महादेव और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैसे सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. दीपेश्वर महादेव मंदिर करीब 250 वर्ष पुराना है. यह प्रसिद्ध तपोभूमि है.