प्रतापगढ़. देवउठनी एकादशी पर पांच महीने बाद एक बार फिर सावों की शुरुआत हो गई है. इस बार कोरोना काल के चलते सीमित मेहमान की गाइडलाइन का असर तैयारियों पर देखा जा रहा है. देवउठनी एकादशी से विवाह के मुहूर्त शुरू हो गए, जो 11 दिसंबर तक रहेंगे. जिले में सावे के पहले ही दिन कई शादियां हुई.
वहीं एक अनुमान के मुताबिक पूरे सीजन में जिलेभर में करीब 150 से 200 शादियां होंगी. नवंबर और दिसंबर माह में ही एक साथ इतनी शादियां होने के दो कारण हैं. पहला लॉकडाउन के कारण शादियों का टलना, जो अब हो रही हैं. वहीं इस सीजन के बाद अगला मुहूर्त चार महीने बाद 24 अप्रेल से है.
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पंडितों के अनुसार 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में गोचर होने पर खरमास शुरू होगा. यह अगले साल 14 जनवरी तक रहेगा. इसके बाद 15 जनवरी देवगुरु बृहस्पति अस्त होंगे, जो 12 फरवरी को उदय होंगे. शुक्र 17 फरवरी से 19 अप्रेल तक अस्त रहेगा. इस बीच अगले साल 16 फरवरी और 15 मार्च को बसंत पंचमी और फुलेरा दूज के अबूझ विवाह मुहूर्त भी रहेंगे.
एकादशी पर होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं हुए इस बार
देवउठनी एकादशी के बाद सावे में सामूहिक विवाह भी होते हैं, लेकिन यह समारोह भी कोरोना की भेंट चढ़ गया. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते इस बार सामूहिक कार्यक्रम रद्द हो गए. शहर सहित जिलेभर में हर साल इस सावे में सामूहिक विवाह होता है. लग्न-मुहूर्त होने पर नवंबर-दिसबंर में सामूहिक विवाह होता है, लेकिन समारोह में आने वाली भीड़ को देखते हुए विभिन्न संस्थाओं के बीच सामूहिक कार्यक्रम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. कई समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलन होते आए हैं, मगर इस बार देवउठनी एकादशी पर आयोजित नहीं हुए. कोरोना की वजह से इस बार ऐसे कार्यक्रम नहीं हो पाए.