प्रतापगढ़. जिले के अरनोद उपखण्ड के प्रसिद्ध और कांठल के हरिद्वार कहे जाने वाले गौतमेश्वर महादेव मंदिर की शाही सवारी बड़ी धूमधाम से निकाली गई. गोतमेश्वर भक्त मंडल की ओर से शाही सवारी का आयोजन किया गया. शाही सवारी में सबसे आगे शिव और नन्दी थे तो वहीं पीछे ध्वजा लिए घुड़सवार चल रहे थे. उसके पीछे बैंड बाजे भक्ति गीतों की स्वर में लहरिया बिखेरते हुए चल रहे थे.
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वहीं डीजे की धुन पर महिलायें और पुरुष डांडिया नृत्य करते हुए चल रहे थे. शाही सवारी पर ट्रैक्टर में शिव परिवार की झांकिया सजाई गई तो वहीं बग्गी में विराजित गोतमेश्वर महादेव और मंगलेश्वर के विग्रह की झांकी चल रही थी. शाही सवारी में दिल्ली की झांकी, अघोड़ी नृत्य, शिव बारात, ऊंट गाड़ी , नासिक के ढोल, उदयपुर गवरी नृत्य कुंभलगढ़ का भवई नृत्य, शिव तांडव, उदयपुर के फेमस जागुदर एसके सम्राट, राजस्थानी नृत्य और गैर पारम्परिक नृत्य झांकी में शामिल हुआ. ये सभी मुख्य आकर्षक का केंद्र रहे.
गोतमेश्वर महादेव भक्त मंडल की ओर से चौथी बार निकाली गई शाही सवारी को देखने के लिए प्रदेश भर से कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया. राजस्थान, मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र, गुजरात राज्य से भी कई श्रद्धालु शाही सवारी को देखने के लिए आए.
मध्यप्रदेश के उज्जैन, इंदौर, राजस्थान के सागवाड़ा, डूंगरपुर,बांसवाड़ा, भीलवाड़ा से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां पर प्रशासन की तैयारियां माकूल नहीं थीं. जिसके कारण महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की घटनाएं भी हुईं.