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विश्व जैव विविधता दिवस : 55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की लगाई प्रर्दशनी...

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Published : May 22, 2022, 7:46 PM IST

22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस पर वन मंडल रेंज परिसर धरियावद नाके संगोष्ठी का आयोजन किया (International Biological Diversity Day celebrated in Pratapgarh) गया. इस दौरान विलुप्त हो रहे 55 प्रजाति के पेड़ों के बीजों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. संगोष्ठी में कहा गया कि आदिवासियों को पेड़ों को काटने से रोककर बीज एकत्रित करने के लिए जागरूक किया जाए.

International Biological Diversity Day celebrated in Pratapgarh
विश्व जैव विविधता दिवस: 55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की लगाई प्रर्दशनी

प्रतापगढ़.जिले में वन विभाग की ओर से रविवार को वन मंडल रेंज परिसर धरियावद नाके पर विश्व जैव विविधता दिवस वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति के सदस्य और रेंज प्रतापगढ़, देवगढ़ के वन विभाग की ओर से पृथ्वी पर विलुप्त हो रही प्रजातियों के बचाने के संकल्प के साथ मनाया (International Biological Diversity Day celebrated in Pratapgarh) गया. इस अवसर पर 11 बीएफपीएमसी के सदस्य तथा 60 वनकर्मी उपस्थित रहे. इस दौरान 55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की प्रर्दशनी लगाई गई. जिसको वनकर्मियों ने इस मौके प्रजाति अनुसार पहचाना.

जैव संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए दुनिया हर वर्ष 22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस मनाती है. इस वर्ष का विषय है ‘प्रकृति में ही हमारा समाधान है’. हम प्रकृति का सम्मान करेंगे तभी हमारा अस्तित्व भी बच सकेगा. इस मौके पर उपवन संरक्षक प्रतापगढ़ सुनील कुमार ने बताया कि जैव विविधता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर विविधता के रूप में जो बचा है, उसको बचाना है. साथ ही जैव विविधता के महत्व एवं वर्तमान में उसका संरक्षण किस प्रकार से किया जाए, इस संबंध में जानकारी दी गई. इस दौरान वन मंडल की गठित वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को वन एवं वन्यजीवों तथा उनकी जैव विविधता के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही जंगलों में पेड़ों से उत्पन्न होने वाले बीजों की जानकारी दी गई.

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सहायक वन संरक्षक प्रतापगढ़ दारा सिंह राणावत ने स्टाफ को हर नाके पर बीज एकत्रीकरण की पंजीका खोलने के लिए कहा. संगोष्ठी में बताया गया कि आदिवासी अंचल में लोगों को जागरूक कर बताया जाए कि जो लोग पेड़ों की कटाई कर आमदनी करते हैं, उन्हें पेड़ों की कटाई रोकने के साथ-साथ जंगल से बीज एकत्रित कर उन्हें बेचने की प्रक्रिया के साथ-साथ उनसे खरीद की जाए. इस मौके पर सर्प मित्र राजेश सुमन, मंदसौर के पुखराज हर्बल के प्रतिनिधि व वीएफपीएमसी सदस्य, वनकर्मी आदि मौजूद थे.

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