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विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज...जिला अस्पताल में ओरल कैंसर के 40 प्रतिशत मरीज भर्ती

दुनिया में हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. ऐसे में प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल के कैंसर वार्ड में करीब 40 प्रतिशत रोगी ऐसे हैं, जिन्हें तंबाकू या धूम्रपान की लत के कारण मुंह या जबड़े में कैंसर हो गया हो.

प्रतापगढ़ अस्पताल में ओरल कैंसर के मरीज, Oral cancer patients in Pratapgarh Hospital
प्रतापगढ़ अस्पताल में ओरल कैंसर के मरीज

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Published : May 31, 2021, 11:38 AM IST

प्रतापगढ़.जिले में तंबाकू और धूम्रपान की बढ़ती आदतों से कैंसर रोग बढ़ रहा है. जिला अस्पताल के कैंसर वार्ड में करीब 40 प्रतिशत रोगी ऐसे हैं, जिन्हें तंबाकू या धूम्रपान की लत के कारण मुंह या जबड़े में कैंसर हो गया.

कैंसर वार्ड में ओरल कैंसर के मरीज भर्ती

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तंबाकू सेवन के प्रति जागरूकता उत्पन्न नहीं की गई तो यह भी एक महामारी का रूप ले लेगी. दुनिया में हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1988 में 31 मई को हर साल दुनिया भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था. उसके बाद हर वर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है.

तंबाकू निषेध का अपनाए मूल मंत्र

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कैंसर का प्रमुख कारक है तंबाकू

जिला अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राम मोहन सिंह के अनुसार तंबाकू एक ऐसी वस्तु है, जिससे दुनिया का हर व्यक्ति परिचित है. चाहे कोई तंबाकू का सेवन करता हो या ना करता हो, लेकिन इसके दुष्परिणामों का हर व्यक्ति को ज्ञान है. आज तंबाकू दुनिया के सामने सबसे बड़ी महामारी बनी हुई है.

यह कैंसर के प्रमुख कारकों में से एक है. दुनिया में सबसे अधिक मौत का कारण भी तंबाकू है. उसके उपरांत भी सबसे अधिक व्यक्ति तंबाकू का सेवन करते हैं. तंबाकू का दुनिया के हर देश में सेवन किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण तंबाकू बनती है. भारत में भी तंबाकू का प्रयोग सदियों पुराना है. भारत में लोग मुंह में चबाकर और धूम्रपान के रूप में भी तंबाकू का उपयोग करते हैं.

देश में 42 करोड़ लोग करते हैं तंबाकू और धूम्रपान का सेवन

भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश है. भारत में 42 करोड़ लोग धूम्रपान और चबाकर दोनों तरह से तंबाकू का उपयोग करते हैं. धूम्रपान में भारत में सबसे अधिक बीड़ी का उपयोग किया जाता है. भारत में पुरुषों में सभी तरह के पुरूष कैंसर मरीजों में से लगभग 45 प्रतिशत और महिलाओं में से लगभग 70 प्रतिशत कैंसर मरीज मुख के कैंसर से पीडि़त हैं.

क्या है तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य

तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य लोगों को तंबाकू और धूम्रपान से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक करना है, क्योंकि धूम्रपान से कैंसर का खतरा होता है, ये लाइन तंबाकू और सिगरेट की डिब्बियों पर चेतावनियों के रूप में लिखी होती हैं, लेकिन इसके बाद भी लोग इन चीजों का सेवन करते जाते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकती है.

जिला अस्पताल में आते हैं गले और मुंह के कैंसर रोगी

कैंसर होने के प्रमुख कारणों में से धूम्रपान और तंबाकू सेवन भी है. इससे मुंह, गले और फैफड़े का कैंसर होने की आशंका रहती है. प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल में हर महीने करीब 5 से 6 रोगी कैंसर के आते हैं, जिनमें से एक दो रोगी गले, मुंह या फैफड़े के होते हैं.

डॉक्टरों के अनुसार ओरल कैंसर होने का प्रमुख कारण तंबाकू है. जिला अस्पताल के कैंसर वार्ड में इस समय करीब तीन सौ मरीज कैंसर के हैं. इनमें से गत माह अप्रेल तक 85 मरीज ओरल कैंसर(मुंह, जबड़ा और गला) के थे और 30 फैफड़े के कैंसर के मरीज थे. फैफड़े का कैंसर होने का प्रमुख कारण भी धूम्रपान है.

इस प्रकार जिले में कैंसर के कुल रोगियों में से 40 प्रतिशत रोगी तंबाकू सेवन की वजह से कैंसर के शिकार हो गए. एक चिंताजनक पहलू यह है कि तंबाकू सेवन की लत युवाओं में ज्यादा हो रही है. जिला अस्पताल में इन दिनों 40 से कम उम्र के लोग भी मुंह की समस्या को लेकर परामर्श लेने आ रहे है. जिले में हालांकि तंबाकू सेवन करने को लेकर कोई सर्वे नहीं हुआ, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 70 प्रतिशत युवा तंबाकू या इससे जुड़े बाईप्रोडक्ट का सेवन करते हैं और वे कैंसर या अन्य बीमारी का शिकार हो जाते हैं.

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तंबाकू से छुटकारा पाने के उपाय

विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार तंबाकू की लत से छुटकारा दृढ़ संकल्प से घर पर ही आसानी से पाई जा सकती है. आजकल सरकार ने जिला स्तरीय अस्पतालों में तंबाकू निषेध केन्द्र स्थापित किए हैं. प्रतापगढ़ में भी यह केन्द्र है. इस केन्द्र में उन मरीजों का उपचार और काउंसिंग की जाती है, जो मुंह की समस्या को लेकर जिला अस्पताल में आते हैं. दूसरा यदि कोई व्यक्ति अपनी तंबाकू सेवन की आदत से छुटकारा पाना चाहता है, तो उसका भी उपाय किया जाता है. इसके अलावा घर पर भी निम्र घरेलू नुस्खे अपनाकर तंबाकू की आदत से छुटकारा पा सकते हैं.

खुद को व्यस्त रखें

धूम्रपान की लत से बचने के लिए व्यस्त रहना बेहद जरूरी है. इसलिए आप अपने दिन की शुरुआत नाश्ते, कसरत, ध्यान और काम से शुरू करें. इससे धूम्रपान करने की इच्छा से बचा जा सके.

तलब लगने पर क्या करें

तंबाकू या धूम्रपान छोड़ने का प्रयास करते वक्त अक्सर मुंह में कुछ चबाते रहने की इच्छा होती है. ऐसे में कुछ सलाद खा सकते हैं. धूम्रपान करने की इच्छा से बचने के लिए आप च्युइंगम भी खा सकते हैं. साथ ही इलायची या सौंफ चबाने से भी धूम्रपान करने की इच्छा से लड़ने में सहायता मिलती है.

शहद का सेवन करें

अगर धूम्रपान की आदत छोडऩे के लिए शहद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें विटामिन, एंजाइम और प्रोटीन होते हैं, जो स्मोकिंग छोड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं.

अजवाइन से मिलेगा तंबाकू से राहत

मुंह में अजवाइन रखने पर तंबाकू की आदत धीरे-धीरे छूट जाएगी. ऐसे में जब भी स्मोकिंग या तंबाकू खाने का मन करे तो अजवाइन को मुंह में रख सकते हैं और इसेक बीच को चबाएं, आपको फायदा जल्द देखने को मिलेगा.

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ये चीजें खाएं

विटामिन सी से भरपूर फल खाना शुरू करें. संतरा, नीबू, आवंला और अमरुद और सेब खाने आपको तंबाकू की आदत से छुटकारा मिल सकता है. विटामिन सी भी निकोटिन से शरीर को डिटॉक्स कर उसकी तलब कम करता है.

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