प्रतापगढ़.जिले के आदिवासी अंचल में होली का त्योहार फसली उत्सव के रूप में मनाया जाता है. होली के त्योहार के तहत इस दिन आदिवासी अंचल में फसली त्योहार होली की शुरुआत हो जाती है जो 10 दिनों तक (10 days Holi of the tribal area of Pratapgarh) चलती है. खासकर क्षेत्र में होली की धूम धुलंडी के साथ शुरू होती है जिसमें मुख्य रुप से गैर नृत्य के साथ खेली जाती है.
धुलंडी के दिन पूरा गांव इकट्ठा होता है और एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देता है. ऐसे में यदि गांव में किसी घर पर मौत हो गई रहती है तो आदिवासी समुदाय के लोग उसके घर जाकर उसे ढांढस बंधाते हैं. जिले के आदिवासी अंचल में हजारों लोग एकत्रित होकर हाथों में तलवारें, गोफन, पैरों में बड़े-बड़े घुंगरू बांध के ढोल नगाड़ों की थाप पर गैर नृत्य करते हैं. इसके साथ ही आदिवासी समुदाय के लोग पेड़ों की परिक्रमा कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लेते हैं.