पाली. दिनेश की छोटी सी मोटरसाइकिल उनकी बड़ी सी दिक्कत दूर करती है. महज 15-20 रुपए के खर्चे में 50 किलोमीटर तक ले जाती है (young Man from Pali made Electronic Bike) स्पीड 55 kmph की है. कुछ अच्छा, अलग और नया करने के विचार के साथ फॉर्मसिस्ट दिनेश मालवीय ने पुरानी बाइक को नया सा बना दिया. 50-60 हजार का खर्चा कर इसे नया रूप रंग दिया. तकनीक का इस्तेमाल कर हर वो नायाब चीजें लगाई जो कमाल की है. छोटे से गांव में गढ़ी इस बाइक को देखने मीलों दूर से लोग आते हैं.
3 महीने में बाइक टिप टॉप: महज 3 महीने में टेवाली गांव के 26 साल के दिनेश ने अपने सपने को साकार रूप दिया. कहीं दूर नहीं गए बल्कि अपने ख्वाबों को पूरा अपने गांव में ही किया. खूब रिसर्च किया. पिता की मदद और कुछ अपनी सेविंग्स से पुरानी मोटरसाइकिल को जोड़ तोड़कर इलेक्ट्रिक बाइक बना डाली. ऐसी की जो भी देखता है वो दाद दिए बिना नहीं रह पाता. डी फार्मेसी कर रहे दिनेश की प्रतिभा के सब कायल हो गए हैं. गांव के जिस विद्यालय से शुरुआती शिक्षा दीक्षा ली वहां के शिक्षक भी अपने विद्यार्थी की इस उपलब्धि की प्रशंसा करते हैं.
पिता का त्याग भी अहम: दिनेश के पिता बाबूलाल मालवीय लोहार पुश्तैनी काम संभालते हैं. दसवीं पास हैं. हमेशा से चाहते थे कि उनके बेटे अच्छी शिक्षा हासिल करें. इस कोशिश में सफल भी हुए और तीनों बेटे दिनेश, सोहन और हरीश पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे बड़े बेटे दिनेश का एक सपना भी था जिसे इस पिता ने पूरा करने में मदद भी की. जानते थे कि बेटे ने भले ही फार्मेसी में डिप्लोमा किया है लेकिन उसकी दबी इच्छा इलेक्ट्रॉनिक्स में है. उन्होंने समझा और अपने बेटे की इच्छा का सम्मान किया. उसे मेहनत से कमाई राशि दी जिससे इस नौजवान ने वो किया जिसे दुनिया देख रही है. इस नवाचार में दिनेश की मदद छोटे भाई सोहन ने भी की.