पाली. जिले में लोगों को पीने के लिए पानी 72 घंटे से अधिक समय के अंतराल में उपलब्ध हो रहा है. वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी ज्यादा विकट है. ऐसी स्थिति में जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने जल व्यवस्था को लेकर काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.
विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार जिले में और सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की आवक ही नहीं हो पाई. ऐसे में विभाग के पास जवाई बांध का सहारा है. अधिकारियों ने बताया कि अगर जिले में मानसून समय पर नहीं आता है तो पाली में जल संकट गहरा सकता है.
सबसे कम हुई बारिश के कारण पाली के कई जल स्त्रोतों में पानी की नहीं हो पा रही आवक गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग ने पाली में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माप रखा है, लेकिन गत मानसून में जिले में औसत से कम बारिश हुई. जिससे मानसून में मात्र 298 एमएम बारिश हो पाई. ऐसे में कम बारिश होने के कारण जिले के 52 बांधों में से केवल 21 बांधों में ही बरसात के पानी की आवक हो पाई.
जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जवाई बांध और जिले के जल स्त्रोतों में शामिल 12 और बांधों में पानी कुछ हद तक उपलब्ध है. वहीं विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि गर्मी के समय में लोग कम से कम पानी को व्यर्थ करें, जिससे पीने के लिए पानी उपलब्ध हो सके.