पाली.शहरी आबादी बढ़ने के साथ ही पाली अब विकास की ओर बढ़ता नजर आ रहा है. शहर के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. स्वच्छता मिशन में भी पाली शहर ने एक कदम और बढ़ाया है. यही वजह है कि जो शहर पहले काफी प्रदूषित रहता था, आज वहीं शहर गंदगी मुक्त बन रहा है. पाली के 65 वार्ड और इसके आसपास के 21 गांव से प्रतिदिन हजारों टन कचरा इकट्ठा किया जा रहा है. देखें ये खास रिपोर्ट
पाली अब गंदगी मुक्त बनने जा रहा है... पाली में तीन साल पहले ही कचरे के निस्तारण के लिए प्लांट की स्थापना की गई थी. इसे लखनऊ की एक बड़ी कंपनी संचालित कर रही है. कचरे से किसी भी प्रकार प्रदूषण नहीं होता. इकट्ठा होने वाले इस कचरे से जैविक खाद व ईंधन तैयार कर दिया जाता है. बता दें कि पाली में धीरे धीरे कर जिस प्रकार से आबादी बढ़ रही है. उसी प्रकार से कचरे की समस्या भी पड़ने लगी है. पाली में करीब ढाई लाख से ज्यादा की आबादी आंकी जा चुकी है. नगर परिषद की ओर से प्रति व्यक्ति 600 ग्राम कचरा प्रतिदिन करने का अनुमान लगाया गया है. इसके चलते पाली में प्रतिदिन 150 टन कचरा इकट्ठा किया जाता है. सीधे घर से कचरा इकट्ठा होने के बाद इसे पाली के पांच मौका पुलिया स्थित डंपिंग यार्ड पर लाया जाता है, जहां से बड़े कंटेनर में इस कचरे को भरकर पाली शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर सॉलिड वेस्ट प्लांट तक पहुंचाया जाता है.
30 वर्षों तक होगा कचरा निस्तारण...
नगर परिषद का दावा है कि पानी में आगामी 30 वर्षों तक कचरा निस्तारण को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आएगी. अधिकारियों का दावा है कि खेतावास के पास स्थापित किए गए सॉलिड वेस्ट प्लांट की कैपेसिटी प्रतिदिन 250 टन से ज्यादा कचरा निस्तारण करने की है, जिसे अब और भी अपग्रेड किया जाएगा. वर्तमान में पाली शहर और आसपास के क्षेत्र से करीब 150 टन कचरा इकट्ठा हो रहा है, जिसका निस्तारण प्लांट में आसानी से कर दिया जाता है. उन्होंने कहा इसी अंदाज को देखते हुए पाली में आगामी 30 वर्षों तक कचरा निस्तारण को लेकर अगली कोई प्लानिंग नहीं तैयार की गई है.
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कचरा प्रबंधन में होगा सुधार...
नगर परिषद के अधिकारियों ने बताया कि अभी भी लोगों में कचरे को लेकर पूरी तरह से जागरूकता नहीं आई है. नगर परिषद की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि लोग अपने घरों में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखे. लेकिन, अभी भी लोग सभी कचरे को शामिल कर फेंक रहे हैं. इस कारण से सॉलिड वेस्ट प्लांट में कचरा जाने के बाद उसे अलग-अलग करना काफी कठिन कार्य हो रहा है. इसके चलते प्लांट के कर्मचारियों को उस कचरे को 2 दिन तक धूप में अलग से सुखाना भी पड़ता है. अधिकारियों ने कहा है कि अब जिस क्षेत्र में वाहन घर-घर कचरा संग्रहण करने जाएगा. उसके साथ बैठे कर्मचारी लोगों से ही गीला और सूखा कचरा अलग अलग डालने की भी अपील करेंगे, जिससे कि नगर परिषद को कचरा निस्तारण करने में सहूलियत मिलेगी.