मारवाड़ जंक्शन (पाली). उपखंड से 20 किलोमीटर दूर मांडा ग्राम पंचायत का फुलिया में रह रहे ग्रामीण पिछले 4 सालों से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. जानकारी के अनुसार 4 साल पहले गांव में बना जलदाय विभाग का टाका ऊपर से फूट गया था. जिसके बाद ग्रामीणों के विरोध पर प्रशासन की ओर से उसकी छत को हटा दिया गया. अब चार साल बाद भी इस टांके की छत खुली की खुली ही है.
आज हालात ये हैं कि इस टांके में जानवर और पक्षी गिरते हैं और पानी गंदा होता है. जिसके कारण गांव में बीमारियां फैलती हैं. वहीं इतनी दुशवारियों के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली रही है. जिसके बाद मजबूरन ग्रामीणों ने रविवार को घर-घर से चंदा एकत्र कर, एक प्लास्टिक का तिरपाल टांके पर बिछाया.
बता दें कि 500 घरों की आबादी वाले इस गांव की जलापूर्ति इसी टांके से होती है. वहीं जानकारी के अनुसार मारवाड़ में असंख्य डेंगू के मरीज पाए गए हैं. फिर भी प्रशासन इस खुले पड़े टांके की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके कारण मजबूरन ग्रामीणों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है.
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