पाली. जिले में मानसून की देरी से दस्तक के बाद में भी पानी की किल्लत पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. औसत से ज्यादा हुई बारिश ने पाली में पानी ही पानी कर दिया है. लगभग आधे से ज्यादा बांध ओवरफ्लो होकर बह रहे हैं. वहीं कई नदियां और नाले हैं जो अपने पूरे चरम उफान पर बह रहे हैं.
पाली में अब सालभर नहीं आएगी पानी की किल्लत बता दें कि पाली की जीवन रेखा जाने जाने वाला जवाई बांध 40 फीट के गेज पर पहुंचने की कगार पर है. ऐसे में पाली के लोगों प्रशासन किसानों के चेहरे पर धीरे-धीरे रौनक लौट आई है. वहीं पिछले 30 दिनों पहले तक की बात करें तो पाली में मंडराई जल संकट के चलते लोगों के हलक तर करने के लिए वाटर ट्रेन मंगवानी पड़ी थी.
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पाली में जलदाय विभाग की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम की बात करें तो पाली में औसत बारिश 350 मिमी माना जाता है. लेकिन इस बार पिछले 20 दिनों में ही पाली में हुई मानसून की देर वाली बारिश ने यह आंकड़ा 6 दिन में ही पूरा कर दिया.
उसके बाद भी पाली में लगातार बारिश जारी है और जिसके चलते पाली में लगभग सभी बांध पूरी तरह से भर चुके हैं. पाली में जल संसाधन विभाग की बात करें तो जल संसाधन विभाग के अधीन 52 बांध आते हैं. इन 52 बांधों में से लगभग 30 बांध ओवर फ्लो हो चुके हैं.
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वहीं जवाई बांध 40 फीट पर पहुंचने की कगार पर है और इसका सहायक सेई बांध से लगातार पानी की आवक जवाई बांध में जारी है. उम्मीद लगाई जा रही है कि अब जो बरसाती पानी मेवाड़ क्षेत्र से बहकर जवाई बांध में आ रहा है. उससे जवाई बांध का गेज लगभग 45 फीट से ऊपर जा सकता है.