बाली (पाली).बाली के सादड़ी में सोमवार शाम को सगरवंशी माली समाज की मूसल गेर निकली. 155 साल पुरानी रियासत काल से ही चली आ रही इस इस गेर के प्रदर्शन को देखने कोरोना वायरस से बेफिक्र हजारों महिला-पुरूष पहूंचे. इस दौरान सारे रास्ते जाम रहे.
नाईवाड़ा में इष्टदेव भैरव की विधिवत पूजा-अर्चना की गई. मदिरापान के बाद शाम साढ़े पांच बजे मादल की थाप पर नाचते हुए गेर रवाना हुई. सगरवशीय ओढ़ माली समाज के लोग अपने शरीर पर तेल, सिंदूर और मालीपन्ना लगाकर नाच रहे थे. गेर शाम साढ़े छह बजे आकरीया चौराहे में पहूंची. इस दौरान मूसल से बचने के लिए लोग इधर से उधर भागते रहे और हूडदंग मचता रहा. रात ढलने तक इस गेर ने दो किमी का रास्ता तय किया.
यह भी पढ़ें.पाली के बाली में अनियंत्रित होकर पलटी कार, चालक की मौत