पाली.जिला मुख्यालय पर बांगड़ कॉलेज मेडिकल हॉस्पिटल कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर कितना सजग है. उसका उदाहरण सोमवार को देखने को मिला. बांगड़ अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते 32 वर्षीय युवक को भर्ती किया गया था. जिसकी सोमवार सुबह अचानक तबीयत खराब हो गई थी. तबीयत खराब होने पर अस्पताल की ओर से उसे आईसीयू एंबुलेंस के जरिए जोधपुर रेफर किया गया, लेकिन शहर से महज 10 किलोमीटर दूर जाते ही उस एम्बुलेंस के ऑक्सीजन सिलेंडर का वॉल खराब हो गया और संक्रमित मरीज को सांस लेने में और भी ज्यादा दिक्कत होने लगी.
ऐसे में उसकी जान पर बन आती देख एंबुलेंस कर्मचारी एंबुलेंस को फिर से बांगड़ अस्पताल की तरफ मोड़ दिया और उस मरीज को फिर से बांगड़ अस्पताल लाया गया. इस मामले को देखते हुए मरीज के परिजन भी खासा आक्रोशित हुए और अस्पताल के आईसीयू वार्ड में उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.
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मरीज के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार पाली शहर में रहने वाला 32 वर्षीय युवक शनिवार को कोरोना संक्रमित पाया गया था. जिसके बाद उसे बांगड़ अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था. जहां सोमवार को उसकी तबीयत और भी ज्यादा खराब होने लगी. उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी.
ऐसे में अस्पताल के डॉक्टरों ने अच्छे उपचार की उम्मीद करते हुए उसे जोधपुर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन उसे सांस लेने में दिक्कत आने के कारण डॉक्टरों ने मरीज को आईसीयू एंबुलेंस में ही जोधपुर रेफर करने के लिए कहा. इस पर आईसीयू एंबुलेंस द्वारा उसे अस्पताल से रवाना किया गया. लेकिन एंबुलेंस कर्मचारी और अस्पताल प्रबंधन की ओर से उसे एंबुलेंस के ऑक्सीजन पाइप लाइन की जांच नहीं की गई.
जिसके चलते पाली शहर से 10 किलोमीटर दूर जाते ही एंबुलेंस के ऑक्सीजन पाइप से ऑक्सीजन आना बंद हो गया और मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मरीज के साथ परिजनों ने मरीज को तड़पता देख बांगड़ अस्पताल लौटते ही हंगामा खड़ा कर दिया. मरीज के परिजनों ने शिकायत अस्पताल प्रशासन और अन्य अधिकारियों से भी की.