मारवाड़ जंक्शन(पाली). उपखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. यहां आस पास के करीब 40 से अधिक गांवों के आने वाले मरीज अपने स्वस्थ होने की उम्मीद से लेकर आते हैं. लेकिन इलाज से पहले उनके हक में केवल एक लंबा इंतजार लिखा होता है.
अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करते मरीज बीमारी की हालत में इन मरीजों को डॉक्टर से इलाज लेने से पूर्व घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है. यही नहीं कई बार मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा ठीक नहीं होने के कारण चक्कर आने की वजह से लाइन में लगे हुए ही वे नीचे बैठ जाते हैं. वहीं मात्र एक डॉक्टर को सुबह 9 बजे से लगातार 1 बजे तक मरीजों को जांच में बैठा रहना पड़ता है.
मरीजों की तकलीफ को देखते हुए कई बार 1 बजे के बाद भी कई मरीज लाइन में खड़े रहते है तो उनका चेकअप करने के बाद ही डॉक्टर अपने घर जाते है. यहां मात्र एक डॉ एच एस शेखावत ही अपने कक्ष में मरीजों को देख रहे थे जबकि 349 मरीजों की ओपीडी के अलावा डिलीवरी और दुर्घटना में घायल मरीजों को आयुष डॉक्टर सतार इलाज करते नजर आए.
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मारवाड़ जंक्शन में दो चिकित्सक एवं एक आयुष चिकित्सक के साथ एक दंत चिकित्सक की नियुक्ति अस्पताल में है. जहां आयुष डॉक्टर और दंत चिकित्सक के अलावा 2 चिकित्सक में से एक प्रभारी डॉ धीरेंद्र सक्सेना एवं डॉ एसएस शेखावत कार्यरत हैं. इनमें से डॉक्टर सक्सेना को सरकारी कार्यों के तहत निरीक्षण एवं अन्य बैठकों में भाग लेने के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में मात्र एक डॉक्टर शेखावत के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है.