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ग्रामीणों की कोरोना से जंग: पाली में सबसे ज्यादा प्रवासी आए सोजत में, खास व्यवस्था के चलते कोरोना मुक्त - पाली में कोरोना

पाली जिले में सबसे ज्यादा प्रवासी सोजत रोड ग्राम पंचायत में लौटे थे. ऐसे में ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने मिलकर ऐसी व्यवस्था की, जिससे गांव में एक भी स्थानीय व्यक्ति कोरोना की चपेट में नहीं आया. लॉकडाउन के 3 माह बाद भी सोजत रोड ग्राम पंचायत पूरी तरह से सुरक्षित है. देखें खास रिपोर्ट...

war against Corona, Corona in Sojat Road
कोरोना से बचाव के लिए सोजत रोड ग्राम पंचायत की खास व्यवस्था

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Published : Jun 21, 2020, 10:37 PM IST

पाली.मेहंदी उत्पादन को लेकर सोजत रोड ग्राम पंचायत की जिले में अलग पहचान है. यहां पैदा होने वाली मेहंदी का रंग पूरे विश्व में हाथों में नजर आता है. वहीं इस बार सोजत रोड कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी व्यवस्थाओं के लिए सबसे ज्यादा पहचाना जा रहा है. यहां पिछले 3 माह में संक्रमण रोकने के लिए जो भी व्यवस्थाएं हुई, वो पूरे जिले में सराहनीय साबित हो रही हैं.

कोरोना से बचाव के लिए सोजत रोड ग्राम पंचायत की खास व्यवस्था

जिले में लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रवासी सोजत रोड गांव में ही लौटे थे. यहां प्रवासियों के आने का आंकड़ा देखकर ग्राम पंचायत प्रशासन खासा चिंतित नजर आ रहा था. इन प्रवासियों से गांव में संक्रमण ना फैले, इसको लेकर लॉकडाउन के साथ ही ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने मिलकर ऐसी व्यवस्था की, जिससे गांव में एक भी स्थानीय व्यक्ति कोरोना की चपेट में नहीं आया. ऐसे में लॉकडाउन के 3 माह बाद भी सोजत रोड ग्राम पंचायत पूरी तरह से सुरक्षित है.

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सोजत रोड ग्राम पंचायत की सरपंच लक्ष्मी कच्छावा ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद उनके पास प्रवासियों के आने की सूचना शुरू हो गई थी. साथ ही यह भी बताया गया था कि प्रवासियों के साथ ही संक्रमण का खतरा भी गांव की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में ग्राम पंचायत ने बैठक बुलाकर ग्रामीणों के साथ चर्चा की और गांव में यह संक्रमण न फैले इस को लेकर सभी से राय मांगी गई. इस मामले के तहत सभी ग्रामीणों ने प्रवासियों को गांव से बाहर ही रखने का निर्णय लिया.

इसके चलते गांव के कई भामाशाह के सहयोग से 5 से ज्यादा क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित किए गए. इन सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में बाहर से आ रहे प्रवासियों को ठहराया गया. चिकित्सा विभाग की टीम की ओर से घर लौट रहे प्रवासियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. करीब 14 दिन क्वॉरेंटाइन रखने के बाद इन प्रवासियों को अपने परिवार से मिलने दिया गया. इस एक प्रयास का नतीजा ग्राम पंचायत में साफ तौर पर नजर आया और ग्राम पंचायत एक भी स्थानीय कोरोना की चपेट में नहीं आया.

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ग्राम पंचायत में इस संक्रमण को रोकने के लिए और भी कई प्रयास किए गए. जिन्हें जिला प्रशासन की ओर से काफी सराहना मिली. संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन के चलते ग्राम पंचायत व गांव के युवाओं की ओर से ग्रामीणों को सुरक्षित रहने का संदेश देने के लिए अलग-अलग कई प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. साथ ही गांव की स्वच्छता को लेकर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाए.

गांव से जुड़ने वाले सभी मार्गों को किया गया सीज

सोजत रोड ग्राम पंचायत के सरपंच लक्ष्मी कच्छावा ने बताया कि सोजत रोड ग्राम पंचायत जिले के मुख्य मार्गों से जुड़ी हुई है. यहां से उदयपुर, भीलवाड़ा व अजमेर जाने के लिए रोड मार्ग भी हैं और रेल मार्ग भी हैं. मेहंदी की खरीदारी का सबसे बड़ा क्षेत्र भी है. इसके चलते यहां खासी भीड़ रहती है, लेकिन संक्रमण को देखते हुए इस ग्राम पंचायत से जुड़े सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. गांव की सीमा पर बने इन पांच रास्तों पर गांव मित्र लगा दिए गए, ताकि गांव में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डेटा उनके पास रह सके.

भामाशाह ने दिल खोलकर किया सहयोग

कोरोना संक्रमण के दौरान सोजत रोड भामाशाह ने खुलकर लोगों का सहयोग किया. इस संक्रमण काल के दौरान भामाशाह ने जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन, राहत सामग्री और अन्य व्यवस्थाओं के लिए काफी सहयोग किया. सोजत में संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए गए और वहां आने वाले प्रवासियों के लिए माकूल व्यवस्थाएं भी हुईं. भामाशाह के सहयोग से ग्राम पंचायत संक्रमण को रोकने में काफी सफल रही.

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स्वच्छता पर ध्यान रहा केंद्रित

ग्राम पंचायत की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण को रोकने के लिए सबसे ज्यादा सफाई व्यवस्था पर भी ध्यान दिया गया. ग्राम पंचायत की ओर से दिन में दो बार सोजत रोड की आवासीय बस्तियों में सफाई व्यवस्था करवाई गई थी. गांव से निकलने वाले कचरे का निस्तारण भी गांव से दूर करवाया गया. सभी आवासीय बस्तियों में प्रत्येक सप्ताह हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया.

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