पाली.सुमेरपुर के जाणा गांव की राजकीय प्राथमिक स्कूल में बच्चों को सड़े गले व कीड़े पड़े हुए गेहूं का पोषाहार खिलाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इस बात खुलासा उस वक्त हुआ जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय से कर्मचारी सुबह स्कूल खुलने के बाद हर रोज की तरह गेहूं पिसाई के लिए आटे की चक्की गया. जब गेहूं की हालत देखी तो चक्की मालिक ने गेहूं पीसने से साफ मना कर दिया.
स्पेशल रिपोर्ट: पाली की सरकारी स्कूल में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ इतना ही नहीं चक्की मालिक ने ग्रामीणों को बुलाकर पूरी बात बताई. जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी व अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोवर्धन सिंह मौके पर पहुंचे और पोषाहार कक्ष का निरीक्षण कर प्रधानाध्यापक को लताड़ लगाते हुए खराब गेहूं को बच्चों कों नहीं खिलाने के कड़े शब्दों में निर्देश दिए.
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सवाल पूछने पर प्रिंसिपल करता रहा टालमटोल
वहीं जब प्रिसिंपल भंवरलाल से इस पूरे मामले की जानकारी ली तो कुछ भी बोलने से बचते रहे. एक तरफ तो बच्चों को सडे़ और कीड़े वाले गेहूं का पोषाहार पकाकर खिलाया जा रहा है. दूसरी तरफ मीडिया ने सवाल जवाब किया तो मास्टरजी की बोलती बंद हो गई. मास्टर जी के पास में कोई जवाब ही नहीं था. प्रिंसिपल का कहना है कि जिम्मेदारी मेरी बनती है, लेकिन सड़े हुए गेहूं चक्की पर कैसे पहुंचे उसकी उनको जानकारी नहीं है.
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विद्यालय प्रधानाध्यापक को गेहूं बेचते पकड़ा गया: ग्रामीण
जब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी शिकायत करने पर स्कूल पहुंचे तो ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन दिया. जिसमें ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक की ओर से स्कूल से गेहूं बेचते हुए पकड़ने की बात कही.