पाली. पूरा प्रदेश जल संकट से जूझ रहा है. लोग पेयजल आपूर्ति के लिए आए दिन धरने दे रहे हैं, सड़कों पर प्रदर्शन (Water Crisis in Pali) कर रहे हैं. लेकिन हालात जस के तस हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारी को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन वो केवल आश्वासन देकर रह जाते हैं. इसी क्रम में पाली में लोग सड़कों पर उतर कर पानी की समस्या का निराकरण की मांग कर रहे हैं.
पाली से भाजपा विधायक ज्ञानचंद पारख ने जानकारी देते हुए बताया कि आज जनता पानी के लिए तरस रही है. इसका तीन मुख्य कारण है- पहला कारण जब जवाई बांध में पानी था तो पानी का बटवारा करना था. कहीं न कहीं लापरवाही या कोई भूल हुई है. दूसरा जोधपुर से रोहट तक पानी लाना था, उस जगह पुरानी पाइप लाइन बिछी हुई थी. वह पुरानी हो चुकी है और सड़ चुकी है. फिर भी उसे ही सही किया गया पर उसे लगभग पांच से सात महीने से इस्तेमाल में लाया जा रहा है.
प्रसासन ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं, अगर पुरानी सही करने की जगह नई पाइप लाइन बिछा देते तो आज ये मुश्किल देखने को नहीं मिलती. इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि तीसरा कारण वाटर ट्रेन शुरू करने में देरी. जब प्रशासन को पता था कि ये परिस्थिति हो सकती है, तो उन्हें वाटर ट्रेन शुरू कर देनी चाहिए थी. जवाई बांध का निर्माण 1956 मे हुआ था. इस बांध को तैयार होने करने में लगभग 60 लाख रुपए और 11 साल का समय लगा था. जवाई बांध मे आवक 787 वर्ग किलोमीटर है. जल भराव 312 मीटर तथा ओवरफ्लो का स्थर 308.50 मीटर है.