पाली.पाली के कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इन प्रयासों के बीच में सरकारी अधिकारियों ने जो प्रमुख मुद्दा है वह पाली के कपड़ा उद्यमियों पर ही छोड़ दिया है. सीधे तौर पर अधिकारियों का कहना है कि अगर पाली का कपड़ा उद्योग चलाना है तो प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर हर कपड़ा उद्योग को खरा उतरना होगा.
कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर खरा उतरना जरूरी इन सभी मुद्दों को लेकर सोमवार को राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मुख्य कार्यालय जयपुर में चेयरमैन गौरव गोयल की अध्यक्षता में कपड़ा उद्यमी और अधिकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में पाली कपड़ा उद्योग पर छा रहे संकट को हटाने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें प्रमुख रूप से गोयल ने पाली के कपड़ा उद्यमियों को कपड़ा इकाइयों को एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण के मानको पर संचालन करने का कहा है.
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चेयरमैन गौरव गोयल ने पाली के उद्यमियों और अधिकारियों से 13 बिंदुओं पर प्रगति रिपोर्ट मांगी. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने दो चरणों में बैठक बुलाई. पहले चरण में उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चेयरमैन ने एनजीटी की तरफ से दिए गए निर्देशों की पालना, प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रयास, पर्यावरण संरक्षण के उपायों, स्लज निस्तारण समेत कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की.
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गोयल ने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देना और उद्यमियों को आ रही समस्या का सकारात्मक रूप से निराकरण करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. वहीं बैठक में सीईटीपी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल गुलेचा से सीईटीपी को मांगों पर लाने समेत कई मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. सीईटीपी की तरफ से निस्तारण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा भी की. गुलेच्छा ने दावा किया है कि उन्होंने सरकार के समक्ष दिए गए शपथ पत्र में 1 अप्रैल तक ही स्लज को पूरी तरह से निस्तारण करने का कहा था.